Lakhpati Didi Yojana: घर बैठे बनी लाखों की मालकिन, 'लखपति दीदी योजना' का किया इस्तेमाल

Top Haryana-New Delhi Desk: सरकार के द्वारा शुरू की गई लखपती दीदी योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर तेजी से काम किया जा रहा है। यह योजना स्वयं सहायता समुदाय से जुड़ी औरतों को उनका खुद का व्यवसाय शुरू करने में सहायता करती है, ताकि उनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से ज्यादा हो सके।
सरकार महिलाओं को पशुपालन, कृषि, स्थानीय व्यवसायों और हस्तशिल्प आदि सिखाकर तैयार कर रही है। इसके साथ, उन्हें वित्तीय मदद और बाजार से एकजुट के लिए जरुरी सामान भी दिए जा रहे हैं। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और वे दुसरो की बजाय खुद पर निर्भर हो रही हैं।
आय को बढ़ाया गया जिससे लाखो महिलाओं को मदद मिली
सरकार के द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लखपति दीदी योजना का फायदा ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचे। ग्रामीण इलाकों की करीब 1 लाख 50 हजार महिलाओं की आय बढ़ाकर 1 लाख रुपये से भी ज्यादा कर दी गई है।
सरकार यह चाहती है कि पूरे राज्य में कम से कम 10 लाख महिलाओं की आय 1 लाख से ज्यादा हो। वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है की महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए उत्पाद बाजार तक पहुंचे जिसके लिए जरुरी मार्गदर्शन भी किया जा रहा हैं। इससे महिलाओं की कमाई तो बढ़ ही रही है साथ में उनका आत्मविश्वास भी काफी ज्यादा बढ़ा हैं।
बनासकांठा की रहने वाली रमीलाबेन बनीं व्यापारी
रमीलाबेन मुकेशभाई जोशी जो की बवासकांठा जिले के एक मामूली से गांव अलवाड़ा की रहने वाली हैं, ने लखपती दीदी योजना का पूरा लाभ उठाकर अपनी किस्मत बदल दी। मई 2024 में उन्होंने सखी मंडल से 1 लाख 50 हजार रुपये का उधार लिया और दीपक बनाने के लिए मशीन तथा उसके लिए जरूरी कच्चा माल खरीदा।
उसके बाद रमीलाबेन मुकेशभाई जोशी ने दीपक बनाने का काम शुरू किया, जिससे उनकी वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार रुपये से ज्यादा हो गई। रमीलाबेन मुकेशभाई जोशी अपने बनाए दीपकों को बाजार के मूल्य से कम दाम में बेचती हैं। बाजार में जहां ये 10 रुपये में बेचे जाते है वही रमीलाबेन मुकेशभाई जोशी उन्हें 7 रुपये में बेचती हैं। रमीलाबेन मुकेशभाई जोशी से प्रेरित होकर गांव की छह महिलाओं ने भी इस व्यवसाय से खुद को जोड़ लिया और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन गईं।