This bitter leaf is a storehouse of qualities and will clean your blood like a purifier
नीम के एक उपयोगी पौधा है, औषधीय के दृष्टि से इसकी पत्तियों को स्वस्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है. ये कई बीमारियों का सफाया करता है
इसकी पत्तियां चमकदार हरे रंग की, और प्रत्येक सींक पर नव पर्णक थोड़ा मुड़े हुये ऊपर से चमकदार नीचे से खुरदरे होते हैं. यह पेड़ 20 से 25 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है. इसकी शाखाएं खुरदरी भूरे रंग की होती हैं.
नीम फूल सफ़ेद रंग के होते हैं.नीम का प्रयोग बहुत ही प्राचीन काल से किया जा रहा है. इसकी छाल, पत्ता, टहनी सभी औषधीय के रूप में उपयोग किया जाता है.
खास तौर से त्वचा के रोगों में इसका प्रयोग किया जा रहा है. नीम के तेल को आप त्वचा में खुजली, दाद, या अन्य स्कीन संबंधी बीमारियों में लगाने के लिए कर सकते हैं. नीम के पत्तों का रस निकालकर मुंह से अंदर पिया जा सकता है. इससे कई बीमारियां भी दूर होती है.
नीम का रोजाना प्रयोग करने से शुगर लेवल कम होता है.
संध्याकाल में इसकी सूखी पत्तियों के धुएं से मच्छर भाग जाते हैं, रात में नीद अच्छी आती है और वातारण भी शुद्ध रहता है. इसकी मुलायम छाल चबाने से हाजमा ठीक रहता है. नीम की जड़ को पानी में घिसकर लगाने से कील मुंहासे मिट जाते हैं और चेहरा सुन्दर हो जाता है.
मसूढ़ों में होने वाले इन्फेक्शन जिसे पायरिया करते है, इसके इलाज में मदद करता है. नीम का पत्ता रोजाना चबाने से भी बहुत फायदा होता है और उसके रस को अंदर ग्रहण करने से भी कई बीमारियों में फायदेमंद है.