These spices are a panacea for stomach and liver, also beneficial in cough, know how to use them
छत्तीसगढ़ और भारत के मध्य क्षेत्र में हरड़ (हर्रा ) बहुत अधिक मात्रा में मिलता है. वनों में इसकी वृक्ष की प्रचुरता है. आयुर्वेद में हरड़ के औषधीय गुण के रूप में अनेक प्रकार के फायदे बताया है.
हर्रा का पेड़ प्रायः जंगलों में पाया जाता है. हर्रा का पेड़ 100 फुट तक ऊंचा और काफी मोटा होता है. हरड़ (हर्रा) फल छोटे 1-2 इंच लम्बे, अंडाकार, इसके पृष्ठ भाग पर पांच रेखायें पाई जाती हैं. आयुर्वेद चिकित्सक ने इसके औषधीय गुण के बारे में बताया है.
आयुर्वेद में हर्रा के बहुत सारे गुण बताए गए हैं, जैसे खास तौर पर पेट संबंधी बीमारियों में इसका प्रयोग रहता है.
किसी का अगर पेट साफ नहीं हो रहा है, तो इसका उपयोग से पेट साफ करने में होता है. लीवर के फंक्शन को सही करता है. इसके साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सक ने हरड़ के अनेक औषधीय गुण के बारे में क्या बताया हैं.
डॉक्टर दीवान ने हर्रा के बारे में बताया कि जिस प्रकार माता अपने बच्चों के लिए हितकारी होती है, उसी प्रकार की हर्रा भी पेट में जाने के बाद मनुष्य के लिए हितकारी होता है.
इसी प्रकार खांसी का भी इसका बहुत ही फायदेमंद है. खांसी आने पर हरड़ (हर्रा) को आग में भूनकर सेंधा नमक के साथ खाने पर खांसी और स्वसन संबंधी बीमारियों में बहुत आराम मिलता है.
सामान्य तौर पर शरीर की वृद्धि के लिए पोषण के लिए पुष्ट करने के लिए यह रसायन औषधीय का काम करता है.