The leaves of this magical plant are amazing in curing all these diseases
डायबिटीज की समस्या से लोगों को कई अन्य दिक्कतें भी होने लगती हैं. हम जिस जादुई पत्ती वाले पौधे के बारे में बात कर रहे हैं वह
ऐसा ही एक पौधा है लाजवंती. आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. यह पौधा न केवल दिखने में आकर्षक होता है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं. इस पौधे की खास बात यह है कि छूने पर इसकी पत्तियां सिकुड़ जाती हैं.
इस पौधे के पत्ते बीज जड़ हमारी सेहत और स्वास्थ्य के बेहद फायदेमंद हैं. इसमें बहुत बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद मौजूद होते हैं. इनमें एल्कलॉइड अमीनो एसिड, फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, स्टेरोल्स, टेरपेनोइड्स, टैनिन और फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं
पीलिया होने पर शरीर में खून की कमी और कमजोरी हो जाती है. आप छुईमुई के पौधों के इस्तेमाल से पीलिया की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आप छुईमुई की पत्तियों का रस निकाल लें और इस रस को नियमित रूप से मरीज को दें. लगभग एक हफ्ते में इसका असर देखने को मिलेगा.
अस्थमा की समस्या में फायदेमंद मानी जाने वाली लाजवंती में कफ खत्म करने के गुण भी पाए जाते हैं. इसलिए इसके इस्तेमाल से अस्थमा की समस्या में कफ बनने से छुटकारा पाया जा सकता है.
डायरिया की समस्या में भी यह छुईमुई काफी फायदेमंद है. दस्त और पेचिश आदि की समस्या में में छुईमुई की पत्तियों का अर्क बनाकर पिलाने से फायदा मिलता है.
बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप छुईमुई के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं. बवासीर से राहत पाने के लिए छुईमुई के पत्तों को लेकर उन्हें छाए में सुखा कर चूर्ण बनाकर तैयार कर लें. इसके एक चम्मच चूर्ण को एक गिलास दूध में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें.