The center of faith of many states, it was from here that Shankar-Parvati had seen the Mahabharata war
हिमाचल प्रदेश का सिरमौर जिला सिर्फ हिमाचल ही नहीं, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली समेत कई राज्यों की आस्था का बड़ा केंद्र है. ये शहर जितना खूबसूरत है, उतनी ही इसकी मान्यताएं भी हैं.
हिमाचल का जिला सिरमौर बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक है. हिमाचल-उत्तराखंड बॉर्डर पर पांवटा साहिब का गुरुद्वारा बेहद मशहूर है. यह गुरुद्वारा सिख धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है.
सिरमौर और सोलन जिले के बॉर्डर पर स्थित बुर्शिलिंग महादेव मंदिर पहाड़ की ऊंची चोटी पर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव एवं माता पार्वती ने इसी पहाड़ी से कुरुक्षेत्र का युद्ध देखा था.
जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर विराजमान शिरगुल देवता, सिरमौर, शिमला, सोलन और उत्तराखंड राज्य के लाखों लोगों के आराध्य हैं. यहां पहुंचने का ट्रैक भी बहुत खूबसूरत है.
सिरमौर के दूरदराज क्षेत्र हरिपुरधार के मां भंगायनी माता मंदिर की मान्यता हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों तक है. यहां की माता को बहुत शक्तिशाली माना जाता है. इन्हें सिरमौर के आराध्य देवता शिरगुल महाराज की धर्म बहन कहा जाता है.
हरियाणा बॉर्डर के नजदीक त्रिलोकपुर स्थित मां बाला सुंदरी माता मंदिर की मान्यता देश-विदेश में है. हर साल यहां लाखों श्रद्धालु अपना शीश नवाने आते हैं.
सिरमौर का रेणुकाजी क्षेत्र अपने आप में मशहूर धार्मिक और पर्यटन स्थल है. यहां अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का आयोजन भी किया जाता है. कथानुसार, भगवान परशुराम, ऋषि जमदग्नि और मां रेणुका के सुपुत्र हैं.