7वीं सदी में हुआ था निर्माण, त्रि-पिरामिड संरचना की वास्तुकला

The architecture of the triple-pyramidal structure was built in the 7th century

ऐतिहासिक है छत्तीसगढ़ का सुरंग टीला मंदिर

राजधानी से महज 86 किमी दूर नेशनल हाईवे में ऐतिहासिक नगरी सिरपुर है. यहां स्थित सुरंग टीला मंदिर के विस्तृत परिसर में कई अन्य प्राचीन अवशेष भी देखने को मिलते हैं

रमणीय स्थल

यह मंदिर भव्यता, रहस्य और इतिहास का एक अनमोल खजाना है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए शोध का विषय बना रहेगा.

सुरंग टीला मंदिर

छत्तीसगढ़ के सिरपुर में स्थित सुरंग टीला मंदिर, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और भूकंप रोधी संरचना के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर का निर्माण 7 वीं शताब्दी में सोमवंशी राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन ने कराया था.

त्रि-पिरामिड संरचना

सफेद पत्थरों से निर्मित यह त्रि-पिरामिड संरचना भारतीय वास्तुकला की उत्कृष्टता को दर्शाती है. मंदिर के ऊपरी हिस्से को देख कर प्रतीत होता है कि इसे बेहद सूक्ष्म तकनीकी के साथ डिजाइन किया गया था

मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार

सुरंग टीला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए 37 खड़ी सीढ़ियां बनाई गई हैं. ये सीढ़ियां मंदिर की ऊंचाई और विशालता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं. यह सीढ़ियां श्रद्धालुओं को मुख्य गर्भगृह तक पहुंचाने का माध्यम रही हैं

पांच गर्भगृहों में स्थापित चार शिवलिंग

मंदिर के पांच गर्भगृहों में स्थापित चार शिवलिंग अलग-अलग रंगों में पाए जाते हैं. प्रत्येक शिवलिंग किसी न किसी विशिष्ट आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है.

मंदिर के परिसर में 32 स्तंभ स्थापित हैं

जिन पर विभिन्न धार्मिक प्रतीक चिन्ह, नर्तकों की आकृतियां और अन्य कलात्मक शिल्प उकेरे गए हैं. ये शिल्प उस समय के शिल्पकारों की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करते हैं और मंदिर की ऐतिहासिक महत्ता को और अधिक बढ़ाते हैं.