भीलवाड़ा के इन क्षेत्रों में होती है काला सोना की खेती

Black gold is cultivated in these areas of Bhilwara

Black Gold

भीलवाड़ा के अधिकांश इलाकों में इन दिनों काला सोना यानी की अफीम की खेती की जा रही है. खेती के मामले में अफीम की खेती सबसे ज्यादा मूल्य वाली खेती मानी जाती है और इसके कई नियम भी होते हैं.

आधुनिक टेक्नोलॉजी

किसान बद्री लाल ने आधुनिक टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए अपने खेत पर सॉलर पैनेल लगवाएं और फिर खेत के चोरों ओर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए. जिससे की हर समय वह अपने खेत की कहीं से भी निगरानी कर सकता है.

अफीम के उत्पादक

वाड़ा जिले के सवाईपुर क्षेत्र के सोपुरा, बड़ला, बनकाखेड़ा, सालरिया, डसाणिया का खेड़ा गांव काला सोना कहे जाने वाली अफीम के उत्पादक क्षेत्र होकर बड़े पैमाने पर यहां बुवाई होती है.

चीरा लगाने का कार्य

इस अफीम की फसल को अपने बच्चों की तरह पालने वाले किसान दिन-रात इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. अफीम काश्तकार खेतों की सुरक्षा के लिए अपने सारे जरूरी काम छोड़ कर खेतों में ही रहने को मजबूर हो जाते हैं

सीसीटीवी कैमरे

अफीम खेत में सीसीटीवी कैमरे लगाने वाले किसान बद्रीलाल तेली ने कहा कि फसल साल 2024-25 के लिए भारत सरकार की ओर से हमें अफीम उत्पादन के लिए पट्टा मिला है. अफीम खेती बहुत नाजुक खेती है

चोर या जानवर

इससे बचाव के लिए हम दिन-रात यहीं पर रहते है मगर इसके बाद भी कईं बार नुकसान हो जाता है. इस नुकसान से बचने के लिए हमने यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं हैं. जिसमें यदि कोई चोर या जानवर नजर आता है

टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना

फसल में कोई नुकसान ना हो पाएं. किसान बद्रीलाल तेली ने यह भी कहा कि किसानों को आज की टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना चाहिए जिससे कि उनकी फसल भी बच जाएं और उन्हें कोई समस्या ना हो.