Telecom new feature: टेलिकॉम कंपनिया लेकर आ रही है नया फीचर, अब से कॉलर का दिखेगा असली नाम
Telecom new feature: दूरसंचार विभाग (DoT) ने जितनी भी टेलिकॉम कंपनियां है उन सबको आदेश दिया है कि कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा जल्द से लागू की जाए....

TOP HARYANA: दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा को जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश दिया है। इस सेवा के तहत, अब इनकमिंग कॉल्स पर कॉल करने वाले व्यक्ति का असली नाम दिखाई देगा। इसका मुख्य उद्देश्य स्पैम और धोखाधड़ी वाले कॉल्स को रोकना और कॉल रिसीव करने वालों को कॉलर की पहचान सुनिश्चित करना है।
क्या है CNAP सेवा
CNAP (कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन) एक ऐसी सुविधा है, जिसमें जब किसी व्यक्ति के पास कॉल आएगी, तो उसके फोन स्क्रीन पर कॉल करने वाले का असली नाम दिखाई देगा। यह नाम मोबाइल नंबर से जुड़ी जानकारी के आधार पर दिखाया जाएगा।
सेवा लागू करने की जरूरत क्यों
दूरसंचार विभाग के अनुसार, यह कदम स्पैम कॉल्स और घोटालों पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है। इस सेवा से कॉल रिसीव करने वालों को यह पता चल सकेगा कि कॉल किसकी तरफ से आ रही है। इससे लोग बिना किसी झिझक के कॉल को स्वीकार या अस्वीकार कर सकेंगे।
टेलीकॉम कंपनियों की तैयारी
DoT ने हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों के साथ बैठक की और उन्हें CNAP सेवा के जल्द क्रियान्वयन का निर्देश दिया। कंपनियों ने बताया कि इंट्रा-सर्कल कॉल्स (एक ही क्षेत्र के कॉल्स) के लिए सेवा का परीक्षण सफल रहा है। हालांकि, इंटर-सर्कल कॉल्स (अलग-अलग क्षेत्रों के कॉल्स) के लिए अभी परीक्षण जारी है।
टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि यह सेवा 4G और 5G नेटवर्क पर आसानी से लागू की जा सकती है, लेकिन 2G नेटवर्क पर इसे लागू करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है।
TRAI की सिफारिश और CNAP का महत्व
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 2022 में CNAP सेवा को अनिवार्य करने का सुझाव दिया था। TRAI का मानना है कि यह सुविधा लोगों को कॉलर की पहचान में मदद करेगी और फर्जी कॉल्स से बचाव का एक मजबूत साधन बनेगी।
गोपनीयता की चिंताएं
सेवा से जुड़े कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। गोपनीयता का उल्लंघन: कई विशेषज्ञों का मानना है कि CNAP सेवा से ग्राहकों की गोपनीयता प्रभावित हो सकती है। कुछ लोग अपना नाम सार्वजनिक रूप से साझा करने के लिए तैयार नहीं हो सकते। CNAP सेवा को अनिवार्य बनाए जाने पर लोगों के पास अपना नाम छिपाने का विकल्प नहीं रहेगा।
मौजूदा विकल्पों से तुलना
CNAP सेवा को लेकर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पहले से ही कई मोबाइल एप्लिकेशन (जैसे Truecaller) इस सुविधा को प्रदान करते हैं। ये एप्स कॉलर की पहचान दिखाने के साथ उपयोगकर्ताओं को कॉल स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प देते हैं।
क्या है अगला कदम
टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि जैसे ही तकनीकी परीक्षण पूरे होंगे, CNAP सेवा को लागू कर दिया जाएगा। यह सेवा चरणबद्ध तरीके से शुरू होगी, ताकि इसे बिना किसी बाधा के राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सके।