Sim Card: सिम कार्ड के नंबर में कितने नंबर होते है!

Top Haryana: भारत में मोबाइल फोन सेवा की शुरुआत 1990 के दशक के अंत में हुई थी। पहले के दिनों में केवल कुछ विशिष्ट क्षेत्रों और शहरों में ही मोबाइल सेवा उपलब्ध थी। 2000 के दशक में मोबाइल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ और इसके लिए एक उपयुक्त संख्यांकन योजना की आवश्यकता पड़ी। यही कारण है कि शुरुआत में केवल 6, 7, 8, और 9 जैसे अंक चुने गए थे ताकि इनका वितरण आसानी से किया जा सके और मोबाइल सेवा का विस्तार सुचारू रूप से हो सके..
कम अंकों में अधिक संभावनाएं
10 अंकों वाली मोबाइल संख्या में केवल चार प्रारंभिक अंक (6, 7, 8, और 9) के साथ प्रारंभ होने का एक कारण यह भी है कि इससे मोबाइल नंबरों की अधिक संख्या का प्रबंधन किया जा सकता है। अगर प्रारंभिक अंक 0 या 1 से होते, तो संभावनाओं की संख्या बहुत कम हो जाती, और नेटवर्क विस्तार में कठिनाई होती। इसलिए ये चार अंक (6, 7, 8, और 9) चुने गए ताकि मोबाइल संख्या का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
सुरक्षा और नेटवर्क विभाजन
शुरुआती अंकों को ध्यान से चुनने का एक उद्देश्य सुरक्षा और नेटवर्क विभाजन था। इन अंकों को विशेष रूप से विभिन्न नेटवर्क ऑपरेटरों के बीच विभाजन के लिए इस्तेमाल किया गया। उदाहरण के लिए, 9 से शुरू होने वाली संख्या जियो नेटवर्क के लिए निर्धारित की गई थी, जबकि 8 और 7 अन्य ऑपरेटरों के लिए निर्धारित किए गए थे। यह विभाजन नेटवर्क के संचालन में सहायता करता है और इसे सरल बनाता है।
अंतरराष्ट्रीय मानक और प्रचलन
दुनिया भर में अधिकांश देशों में मोबाइल नंबरों के प्रारंभिक अंक विशेष होते हैं। भारत में भी, यह सुनिश्चित किया गया कि भारत में मोबाइल संख्याएँ अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों। इसके साथ ही, यह व्यवस्था देशों के भीतर और उनके बाहर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाती है।
स्मार्टफोन और इंटरनेट का उदय
स्मार्टफोन और इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ मोबाइल नंबरों की आवश्यकता भी बढ़ी। ऐसे में, 6, 7, 8, और 9 से शुरू होने वाले अंक यह सुनिश्चित करते हैं कि संख्याओं का प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया जा सके और साथ ही मोबाइल नेटवर्क में ज्यादा क्षमता हो।
XXX: यह नेटवर्क ऑपरेटर का कोड होता है। हर मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर का एक अद्वितीय कोड होता है, जैसे कि BSNL, Airtel, Jio, आदि के पास अलग-अलग कोड होते हैं।
YY: यह कोड मोबाइल स्विच करने वाले केन्द्र का (Mobile Switching Centre) कोड होता है। इस कोड के माध्यम से मोबाइल नेटवर्क को स्थानिक आधार पर नियंत्रित किया जाता है।
NNNNN: यह पांच अंकों की संख्या होती है, जो प्रत्येक ग्राहक के लिए अद्वितीय होती है। यह ग्राहक की पहचान के रूप में काम करती है और यह पूरी तरह से व्यक्तिगत होती है।