Google New Update: गूगल की तरफ से हुआ एक नया फीचर लॉन्च, इस फीचर से चेंज हो जाएगा आपका भविष्य

TOP HARYANA: हाल ही में गूगल ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक नया फीचर लॉन्च किया है, जो उनके अनुभव को और भी बेहतर बनाएगा। इस फीचर के तहत, गूगल ने अपने सर्च इंजन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके तुरंत अनुवाद पाने जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं।
गूगल ने अपने क्रोम ब्राउज़र में भी कुछ महत्वपूर्ण अपडेट किए हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को और अधिक सुरक्षित और तेज़ ब्राउज़िंग अनुभव मिलेगा। इन अपडेट्स में बेहतर पासवर्ड प्रबंधन, उन्नत गोपनीयता सेटिंग्स, और तेज़ पेज लोडिंग स्पीड शामिल हैं।
इन नए फीचर्स के साथ, गूगल उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित, तेज़, और अधिक उपयोगकर्ता-मित्रवत अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आपका सवाल क्रिप्टोकरेंसी और क्वांटम कंप्यूटर की ताकत पर आधारित है। इसमें कोई संदेह नहीं कि क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा में एन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी, जैसे Bitcoin, SHA-256 और Elliptic Curve Cryptography (ECC) जैसे क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिद्म का उपयोग करती हैं, जो वर्तमान क्लासिकल कंप्यूटरों के लिए बेहद सुरक्षित माने जाते हैं।
क्वांटम कंप्यूटर और क्रिप्टोग्राफी:
क्वांटम कंप्यूटर, खासतौर पर अगर वे काफी उन्नत हो जाएं, तो वे कुछ मौजूदा क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिद्म को तोड़ने में सक्षम हो सकते हैं।
Google Willow चिप या अन्य क्वांटम कंप्यूटर यदि शोर (Shor's Algorithm) जैसे एल्गोरिद्म का उपयोग करें, तो वे RSA, ECC, और अन्य एन्क्रिप्शन तकनीकों को बहुत तेजी से तोड़ सकते हैं।
SHA-256 (जिसका उपयोग Bitcoin में होता है) पर क्वांटम कंप्यूटर का प्रभाव सीमित है क्योंकि इसे तोड़ने के लिए एक अलग एल्गोरिद्म (Grover's Algorithm) की जरूरत होती है। यह एल्गोरिद्म केवल आंशिक गति लाभ प्रदान करता है, जिससे एक क्वांटम कंप्यूटर को भी इस प्रकार की एन्क्रिप्शन तोड़ने में काफी समय लगेगा।
क्या क्रिप्टोकरेंसी खतरे में है?
क्वांटम कंप्यूटर की स्थिति: आज के क्वांटम कंप्यूटर अभी भी उन्नत नहीं हैं कि वे बड़े पैमाने पर क्रिप्टोग्राफी को तोड़ सकें। मौजूदा तकनीकें शैक्षिक अनुसंधान और छोटे पैमाने पर कार्यों तक ही सीमित हैं।
पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी: क्रिप्टोग्राफी विशेषज्ञ और ब्लॉकचेन डेवलपर्स पहले से ही ऐसे एल्गोरिद्म विकसित कर रहे हैं जो क्वांटम कंप्यूटर के खतरों का सामना कर सकें। इन्हें पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी कहा जाता है।
Google और Willow चिप:
यदि Google Willow चिप (या कोई अन्य क्वांटम चिप) इतना उन्नत हो कि वह क्रिप्टोग्राफी तोड़ सके, तो यह न केवल क्रिप्टोकरेंसी के लिए, बल्कि बैंकिंग, सरकारी और अन्य डेटा सुरक्षा प्रणालियों के लिए भी गंभीर खतरा होगा।