Shani Jayanti 2025: शनि जयंती को इस साल कब मनाया जाएगा, जानें सही तारीख और पूजा की विधि

Top Haryana, New Delhi: हमारे देश में शनि देव महाराज की पूजा बड़ी ही निष्ठा भाव से की जाती है। जो भी शनि देव की पूजा करता है उसकी हर इच्छा शनिदेव पूरी करते है। देश में हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती को मनाया जाता है। साथ ही इस दिन को व्रत रखकर अपना मनचाहा वरदान शनि देव से माँगता है।
सनातन शास्त्रों में लिखा हुआ है कि हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर सूर्य देव के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ है। इस शुभ मौके पर हर साल शनि जयंती ज्येष्ठ महीने में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
साधक को सभी क्षेत्रों में सफलता लेने के लिए शनिदेव की पूजा-भक्ति करते है। आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिल जाता है। आइए, शनि जयंती की सही तारीख (Shani Jayanti 2025 Kab Hai), पूजा करने का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते है।
शनि जयंती का शुभ मुहूर्त कब है? (Shani Jayanti Shubh Muhurat)
हिन्दू धर्म के वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के मुताबिक , 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।
शनि जयंती का शुभ योग क्या बन रहा है? (Shani Jayanti Shubh Yoga)
सुकर्मा योग का निर्माण इस बार ज्येष्ठ अमावस्या शुभ तिथि की पर हो रहा है। शुभ सुकर्मा योग का निर्माण इस बार रात्रि 10 बजकर 54 मिनट पर हो रहा है। शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी इस तिथि के संयोग के साथ में हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर 05 बजकर 32 मिनट तक है। शिववास योग शनि अमावस्या पर भी है।
पंचांग
- इस दिन सूर्योदय, सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा।
- इस दिन सूर्यास्त, शाम 07 बजकर 12 मिनट पर होगा।
- इस दिन चंद्रास्त, शाम 07 बजकर 49 मिनट पर होगा।
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त, सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
- इस दिन विजय मुहूर्त, दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
- इस दिन गोधूलि मुहूर्त, शाम 07 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
- इस दिन निशिता मुहूर्त, रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
शनि मंत्र
1. "ऊँ शं शनैश्चाराय नमः"
2. "ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः"
3. "ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्"
"छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्"
"अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मय"
"दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर"
""गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च""
"आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्"
5. "ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः"
"ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः"
"ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः"