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Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पूजन के समय रखे इन बातों का खास ध्यान, जानें पूजा विधि

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी को पूजा करने से आप अपने जीवन में आने वाले संकटो से मुक्ति पा सकते है, आपको इसके लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा, आप अपनी मनोकामना पूरी कर सकते है...

 
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी को पुजा करने के लिए रखे खास नियमों का ध्यान, जाने पूरी खबर

TOP HARYANA: हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है की आप पूरे विधि विधान से बसंत पंचमी के दिन पूजा करते हो तो आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का पर्व का अधिक महत्व है। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। पर बसंत पंचमी के दिन इसे करने से आपको अवश्य ही फल की प्राप्ति होगी। माता सरस्वती बसंत पंचमी के ही दिन प्रकट हुई थी ऐसा माना जाता है।

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बसंत पंचमी का दिन ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित है। माता सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी को हुआ था। इस दिन माता की खास तरह से पूजा की जाती है। मान्यताओं के मुताबिक, बसंत पंचमी के दिन पूजा करने  बुद्धि ज्ञान के साथ ही, तरक्की और धन धान्य भी बढ़ता है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व कब मनाया जाएगा।साथ ही बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त कब है, तो आइए जानते है इसके बारे में...

बसंत पंचमी का पर्व कब है

बसंत पंचमी का पर्व माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का शुभ आरंभ 2 फरवरी सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर होगा। समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 54 मिनट पर होगा। बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी को पूजा करने की विधि

बसंत पंचमी के दिन स्नान करके पीले, या सफेद रंग के कपड़े पहनना उचित माना गया है। पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करे व माता सरस्वती की फोटो लगाए , मां सरस्वती को श्वेत चंदन पीले और सफेद फूल चढ़ाने से माता का जल्दी आशीर्वाद मिलता है। माता को केसर की खीर का खीर का प्रसाद चढ़ाना चाहिए इससे आपको लाभ मिलेगा, माता के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके बाद ही आप प्रसाद ग्रहण कर सकते है।

बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा करने का सही समय दो फरवरी को  सुबह 7 बजकर 9 मिनट पर शुरू है। माता सरस्वती की पूजा का यह मुहूर्त दो फरवरी को दोपहर बारह बजकर 35 मिनट पर समापन होगा। इस दिन माता सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए आपके पास लगभग साढ़े पांच घंटे का है। ज्योतिष के अनुसार इस समय आप सच्चे मन से और पूरे विधि विधान से पूजा करते हो तो माता रानी आपकी सभी मनोकामना पूरी करेगी।