Republic Day 2025: झंडा फहराने और ध्वजारोहण में क्या होता है अंतर, जानें पूरी डीटेल
Republic Day 2025: 26 जनवरी 2025 को हमारा देश अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, आज भी कई लोग झंडा फहराने और ध्वजारोहण के बीच अंतर नहीं जानते है...

TOP HARYANA: पूरे भारत में इस समय गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है और चारों तरफ एक नए उमंग और खुशी का वातावरण छाया हुआ है। हर साल 26 जनवरी को धूमधाम के साथ मनाया जाता है, इस बार देश अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ये दिन हमारे संविधान को सम्मान करने न आदर देने का दिन है, इसी दिन देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी इसलिए देशभर में 26 जनवरी पर जश्न का माहौल होता है।
राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ के साथ ही स्कूल, सरकारी संस्थान, संगठनों और जगह-जगह पर सभी लोग ध्वजारोहण करते है। क्या आपने कभी सोचा है कि झंडा फहराने और ध्वजारोहण के बीच अंतर क्या होता है और किस प्रकार से भारत का झंडा फहराया और ध्वजारोहण किया जाता है। यदि आप लोगों यह सब नहीं पता है तो चलिए हम आपको बताते हैं झंडा फहराना और ध्वजारोहण कैसे एक दूसरे से अलग है।
झंडा फहराने और ध्वजारोहण में बड़ा अंतर
झंडा फहराना और ध्वजारोहण के बीच मुख्य अंतर इसका उपयोग और प्रोसेस है, दोनों में ही भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराने और देशभक्ति के प्रति सम्मान दिखाया जाता है लेकिन इन्हें अलग-अलग अवसर पर ही किया जाता है।
झंडा फहराना
झंडा फहराने की प्रक्रिया 15 अगस्त के दिन होती है, इस प्रक्रिया में झंडा एक बंधी हुई स्थिति में होता है, इसे रस्सी की सहायता से फ्लैग पोल के टॉप हिस्से तक ले जा कर एक जगह पर ठीक से बांदा जाता है। उसके बाद में ऊपर जाकर खोला जाता है, झंडा खोलते ही ऊपर की ओर फहरने लग जाता है। ये स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मिली आजादी का प्रतीक है, इस दिन प्रधानमंत्री जी झंडा फहराते है। ये जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि का सम्मान है और ये सब प्रक्रिया दिल्ली के लाल किले में होती है।
ध्वजारोहण करना
ध्वजारोहण की प्रक्रिया 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन किया जाता है, इस प्रक्रिया में झंडा पहले से ही फ्लैग पोल के टॉप पर बंधा हुआ होता है। इसे सीधे अनफ्लर यानी कि खोला जाता है, झंडा पहले से बंधा होता है, इसलिए इसे रस्सी के ऊपर खींचने की जरूरत नहीं होती है। भारत देश गणराज्य बनने और संविधान लागू होने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन हमारे राष्ट्रपति जी झंडा फहराते है, क्योंकि वो देश के संवैधानिक प्रमुख है ये प्रक्रिया नई दिल्ली के राजपथ अब कर्तव्य पथ पर होती है।