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Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी के अवसर पर सबसे अधिक विवाह  मुहूर्त, जाने यह महत्वपूर्ण कारण 

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का दिन विवाह, शादी व अन्य शुभ कार्य के लिए सबसे उत्तम माना गया है, इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी विवाह किए जाते है, बसंत पंचमी पर शादी के सबसे ज्यादा मुहूर्त क्यों होते हैं।

 
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी के अवसर पर सबसे अधिक विवाह मुहूर्त, जाने यह महत्वपूर्ण कारण 

TOP HARYANA: हर साल माघ के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व बहुत खुशी और हर्ष के साथ मनाया जाता है, इस दिन को  हमारे ग्रंथों में बसंत पंचमी के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बसंत पंचमी को बहुत सी जगह पर श्री पंचमी और बहुत सी जगहों पर सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह पर्व 2 फरवरी 2025, रविवार को है।

बसंत पंचमी के इस पावन अवसर पर विधि पूर्वक मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है, विवाह के लिए भी यह दिन अत्यधिक शुभ होता है। बसंत पंचमी के दिन जिनका विवाह होता है उनका वैवाहिक जीवन सुख से भर जाता है और बसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है।

बसंत पंचमी पर शादी के सबसे ज्यादा मुहूर्त 

जिन लोगों की शादी में रुकावट या बाधा आ रही है वे बसंत पंचमी के दिन विवाह करके एक सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन कोई दोष नहीं होता और इस दिन को श्रेष्ठ योग माना गया है।

शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह पूर्ण होने के बाद तिलक समारोह का आयोजन हुआ था और शादी की रस्मों की भी शुरुआत की गई थी। इस दिन विवाह के साथ अन्य कई शुभ काम किए सकते है जैसे- विद्या आरंभ, मुंडन संस्कार, वाहन खरीदना, घर खरीदना, गृह प्रवेश और एक नए बिजनेस की शुरुआत करना।

इस दिन किन लोगों के लिए शादी करने का सही मौका है

  • ऐसे व्यक्ति जिनका कई कारणों से शादी नहीं हो रही और रुकी हुई हो।

  • शादी के लिए पुरुष और महिला दोनों के गुण आपस में नहीं मिल रहे हो या कोई बाधा हो।

  • काफी दिनों से कोई शुभ मुहूर्त नहीं निकल रहा हो।

  • तुरंत शादी नहीं हो रही हो।

पंचांग के मुताबिक बसंत पंचमी की शुरुआत 2 फरवरी सुबह 9:14 से होगी और 3 फरवरी को सुबह 06:52 पर इसका समापन हो रहा है। 2 फरवरी को पूजा के लिए पूरे दिन मुहूर्त रहेगा और इस दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक का समय अति उत्तम वक्त है।