Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर कुछ खास पेड़ पोधो कि पूजा करने से ही आपके जीवन में आने वाले संकट कट जाएंगे..

TOP HARYANA: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या बहुत हि बड़ा योगदान माना जाता है। प्रयागराज महाकुंभ में इस साल मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान भी किया जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। एसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन दिन पेड़-पौधों के पूजन से जीवन में खुशहाली आती है। पाप कटते है, आने वाले संकटो से निजात मिल जाती है। इस प्रकार यह काफी महत्वपूर्ण है। मौनी अमावस्या पर किन किन पेड़ों की पूजा करनी चाहिए।
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी गई है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान करना , दान करना, बहुत ही शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मौनी अमावस्या के दिन जो भी भक्त स्नान और दान करता है, उसे अपने जीवन में पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पाप और आने वाले संकट कट जाते है। मौनी अमावस्या पर व्रत भी रख सकते है। मौनी अमावस्या पर स्नान, दान और व्रत के साथ-साथ पेड़ पौधों की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि इस दिन पेड़ पौधों कि पूजा करने से भगवान का आर्शीवाद मिलता है। मौनी अमावस्या के दिन पेड़ पौधों का पूजन करने से पितर देवता भी प्रसन्न होते हैं। जानते हैं कि इस दिन किन पेड़ों की पूजा करने से लाभ मिलता है।
इस साल मौनी अमावस्या कब आ रही है
इस वर्ष मौनी अमावस्या की तिथि का शुभारंभ 28 जनवरी शाम को 7 बजकर 35 मिनट पर होगा। वही अगले दिन 29 जनवरी सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक इसका समापन होगा, मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त व्रत भी रखेंगे। मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान भी किया जाएगा।जिसके कारण भक्तो को लाभ होगा।
मौनी अमावस्या पर इन पेड़ों की पूजा करने से कट जाएंगे संकट
तुलसी कि पूजा करनी चाहिए
हिंदू धर्म में तुलसी बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। एसी मान्यता है की तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है। तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन तुलसी के पोधे में जल में कच्चा दूध मिलाकर चढाना चाहिए।तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। इस दिन तुलसी पर आप कलावा भी बांध सकते है। साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते है। मान्यता है ऐसा करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। व सभी प्रकार कि मनोकामना पुर्ण होती है व आने वाले सभी प्रकार के दुख दुर होते है।