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Success Story: सब्जी बेचने वाले का लड़का बना असिस्टेंट डायरेक्टर, जानें इसके पीछे की सफलता का राज

Success Story: आशीष सिंह चौहान की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। यह सफलता बताती है कि अगर इरादा पक्का हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है...

 
सब्जी बेचने वाले का लड़का बना असिस्टेंट डायरेक्टर, जानें इसके पीछे की सफलता का राज
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TOP HARYANA: मध्य प्रदेश पीसीएस 2022 परीक्षा में एक सब्जी बेचने वाले के बेटे ने असिस्टेंट डायरेक्टर बनकर अपनी मेहनत और लगन की मिसाल पेश की है। आशीष सिंह चौहान नाम के इस युवा ने पहली बार परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। आशीष का चयन स्कूल शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर (सहायक संचालक) के पद पर हुआ है। उनकी यह सफलता साबित करती है कि अगर सच्ची मेहनत की जाए, तो कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है।

कठिन हालात के बावजूद मिली सफलता

आशीष का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। उनके पिता सब्जी बेचने का काम करते हैं, मां एक गृहिणी हैं और बड़े भाई साड़ी की दुकान पर काम करते हैं। उनका परिवार किराए के मकान में रहता है, लेकिन इन सभी कठिनाइयों के बावजूद उनके परिवार ने हमेशा आशीष का साथ दिया। आशीष ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवार को दिया है।

कितने पढ़े लिखे हैं आशीष

आशीष की शुरुआती पढ़ाई भोपाल के बैरागढ़ के शासकीय स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने हमीदिया कॉलेज से बीए और एमए किया। फिलहाल वह इंदौर से पीएचडी कर रहे हैं। आशीष बताते हैं कि उन्होंने रोजाना 8-10 घंटे पढ़ाई की। परीक्षा के करीब आने पर वह समय देखकर पढ़ाई नहीं करते थे, बल्कि जितना संभव हो सके उतना पढ़ते थे।

आशीष की परीक्षा में प्रदर्शन

मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा 2022 में आशीष ने कुल 841.75 अंक हासिल किए। मुख्य परीक्षा में उन्हें 738.75 अंक और इंटरव्यू में 103 अंक मिले। अपनी मेहनत और समर्पण की बदौलत उन्होंने पहली ही कोशिश में यह बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली।

असिस्टेंट डायरेक्टर की कैटेगरी में 26वीं रैंक

मध्य प्रदेश पीसीएस 2022 में शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर के कुल 62 पदों पर चयन हुआ है, जिनमें 32 महिलाएं भी शामिल हैं। इस कैटेगरी में सौम्या असती ने टॉप किया, जबकि आशीष ने 26वां स्थान हासिल किया। उनकी ओवरऑल रैंकिंग 350 है।

परिवार का समर्थन बना सफलता की कुंजी

आशीष बताते हैं कि उनकी इस सफलता में उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उनके परिवार ने उन्हें हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उनके बड़े भाई ने उनकी पढ़ाई के लिए काफी मेहनत की।