top haryana

Success Story: बिना कोचिंग ऐसे पास की UPSC जैसी कठिन परीक्षा, जानिये सौम्या शर्मा की कामयाबी की कहानी

UPSC Success Story: सौम्या शर्मा की कहानी प्रेरणादायक हैं। 4 महीने की तैयारी में इन्होंने IAS की परीक्षा को पास कर लिया था। आइए जाने इनकी सफलता की कहानी
 
Success Story: बिना कोचिंग ऐसे पास की UPSC जैसी कठिन परीक्षा, जानिये सौम्या शर्मा की कामयाबी की कहानी
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana, New Delhi: भारत में आईएएस का पद सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस पद को हासिल करने के लिए बहुत अधिक पढ़ाई करनी पड़ती हैं। ऐसा आपने कहीं पर सुना होगा। आज हम आपको इस खबर में एक ऐसी ही कहानी के बारें मे बता रही हैं जो बेहद ही रौचक हैं।

सौम्या शर्मा ने सेल्फ स्टडी के बल पर महज 4 महीनों में ही UPSC की सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया था। सौम्या ने बताया कि अगर कोई भी इंसान सच्चे मन से पढ़ाई करता है तो वह एक दिन सफलता को पा लेता हैं। 16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खोने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करती रही।

केवल 4 महीने की तैयारी में सेल्फ स्टडी के दम पर आईएएस एग्जाम में 9वीं रैंक हासिल की। सौम्या ने इस परीक्षा के लिए किसी भी तरह की कोई भी कोचिंग नहीं ली थी। 

4 महीने की तैयारी से हासिल की सफलता  

सौम्या शर्मा ने अपनी असाधारण मेहनत के बल पर मात्र चार महीनों की तैयारी में ही आईएएस एग्जाम को क्रैक किया और देशभर में नौवीं रैंक हासिल की। सौम्या शर्मा आज आईएएस के पद पर तैनात हैं।

सौम्या का सिविल सेवा मे जाने का शौक बचपन से ही था। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने 2017 में आईएएस परीक्षा देने का निर्णय लिया और अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में सफलता हासिल कर ली। सौम्या शर्मा युवाओं के लिए आज एक प्रेरणा हैं, जिनकी कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और जुनून से किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है।

16 साल की उम्र में उन्होंने सुनने की क्षमता खो दी थी। यह एक ऐसा समय था जब सौम्या को लगा कि अब तो सब कुछ खत्म हो गया हैं। सौम्या ने हार नहीं मानी और इस पीड़ा को भी हंसकर सहन कर लिया। यह एक ऐसा झटका हैं जो किसी भी व्यक्ति के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। लेकिन सौम्या ने हार नहीं मानी। सौम्या ने अपने सपनों को जिन्दा रखा और आईएएस बनने के लक्ष्य पर निशाना साधे रखा। इसके बाद दिन रात मेहनत की और एक दिन यह मंजिल हासिल की।