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Shilpa Gupta IAS: मुरैना की पहली महिला कलेक्टर, ADM को किया बर्खास्त, नाम विवादों में

Shilpa Gupta IAS MP:शिल्पा गुप्ता 2008 में आईएएस बन गई थी जिसके बाद उन्होने 200 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। जानिए पुरी बात…
 
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Top Haryana-New Delhi Desk: आईएएस अफसर आजकल हर रोज विवादों में रहते है। काम की जिम्मेदारियों के चलते आईएएस अफसरों का नाम अक्सर चर्चा में आता रहता हैं। पिछले कुछ दिनों से आईएएस शिल्पा गुप्ता चर्चा में हैं। आदेश का पालन न करने के कारण शिल्पा गुप्ता पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के द्वारा 10 हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जिसके कारण उनकी मुश्किलें मे इजाफा हो गया है।

संजय सचदेवा (प्रशासनिक न्यायाधीश) और विनय सराफ (न्यायमूर्ति) की पीठ के द्वारा आईएएस शिल्पा गुप्ता को रिपोर्ट के साथ कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं जिसकी तारीख 23 मार्च 2025 है। 

 सीहोर के हरिओम यादव और उनके साथी याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अवमानना याचना दर्ज की थी। इस याचना के अनुसार, 50 से ज्यादा अध्यापकों को अंको के आधार पर सामान्य वर्ग में ट्राइबल वेलफेयर विद्यालयों में न्युक्त किया गया था।

कोर्ट ने इसे गैरकानुनी मानते हुए उन्हें डीपीआई के विद्यालयों में पद्धति देने के आदेश दिए थे।

आईएएस शिल्पा गुप्ता कौन हैं?

आईएएस शिल्पा गुप्ता दिल्ली की निवासी हैं। शिल्पा की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई। सामाजिक अध्ययन और राजनीति विज्ञान में रुचि रखने वाली शिल्पा ने जामिया मिलिया इस्लामिया से बीए और एमए किया है। शिल्पा गुप्ता ने 2007 में आईएएस की परिक्षा दी थी और कुल 2 हजार 207 दशमलव 06 नंबरो के साथ 54वां स्थान हासिल किया था। 2008 में वह आधिकारिक तौर पर आईएएस अधिकारी की नौकरी में शामिल हो गईं। doptcirculars.nic.in के रिकॉर्ड के अनुसार, आईएएस शिल्पा गुप्ता को पश्चिम बंगाल कैडर दिया गया था।

शिल्पा बनी मुरैना की पहली महिला कलेक्टर

दिल्ली शहर से आने वाली शिल्पा गुप्ता ग्रामीण मुरैना की पहली महिला कलेक्टर बनी थीं। स्वतंत्रता दिवस से ठीक 1 दिन पहले, सुबह की ट्रेन पकड़कर शिल्पा जब मुरैना पहुंचीं तो उनके सामने हजारों लोग उनके स्वागत के लिए खड़े थे। जिसमें से कुछ अधिकारी, कुछ संगठनों के लोग थे और बाकि सारी आम जंता थी, जो सिर्फ ‘ पहली महिला कलेक्टर’ की एक झलक देखने के लिए स्टेशन तक आए थे। भारतीय समाज जो कि एक पुरुष प्रधान समाज है, में एक महिला का आगमन सभी के लिए बहुत अलग था। आईएएस शिल्पा गुप्ता के पति अजय भी एमपी कैडर में अधिकारी हैं।

एमपी की सबसे चर्चित अफसरों में शामिल

आईएएस शिल्पा ने उन सभी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था जिन्होने अपने काम में लापरवाही बरती थी, इनकी कुल संख्या 200 से अधिक थी जिसमें जिला मजिस्ट्रेट भी शामिल थे। शिल्पा अपने काम के समय पर आधा दिन दफतर में रहती थी और बचे हुए समय में आस पास के गावों में दौरा करती थी। स्कुलों और सेवाए प्रदान करने वाले विभाग पर उनका ध्यान खास तोर पर रहता हैं। जो अध्यापक स्कूल नहीं आते थे उनकी वेतन वृद्धि भी शिल्पा ने रूकवा दी थी।

हाईकोर्ट के सख्ती दिखाने का क्या है कारण?

मघ्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 2025 को आयुक्त शिल्पा गुप्ता को नोटिस जारी कर 3 मार्च 2025 तक जवाब तलब किया था। लेकिन निर्धारित समय सीमा के बाद भी शिल्पा की तरफ से न तो कोई जवाब दिया गया और न ही महाधिवक्ता कार्यालय से किसी भी प्रकार का संपर्क किया गया। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि आयुक्त के विरोध में कई अवमानना याचिकाएं दर्ज हैं। कोर्ट ने सख्ती अपनाते हुए आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय शिल्पा गुप्ता के खिलाफ 10,000 का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।