Success Story: पिता ने की मजदूरी, मां ने सब्जी बेचकर पढ़ाया, बेटे ने दो बार UPSC पास कर गाड़े झंडे
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Top Haryana, New Delhi: अपने सपने पूरे करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. कोई भी परिस्थिति हो, सफल होने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ेगी. ठीक उसी तरह, शरण कांबले ने अपने गरीब माता-पिता को गर्व करने का मौका दिया.
राजस्थान कैडर के IPS अधिकारी शरण कांबले के बारे में आपको बताते है. शरण कांबले महाराष्ट्र के गाँव सोलापुर के रहने वाले हैं. कांबले के पिता मजदूरी करते थे और माता सब्जी बेचती थी. लेकिन वे शरण कांबले को पढ़ाने से पीछे नहीं हटे.उन्होने शरण काबलें को बहुत पढ़या.
30 सितंबर 1993 को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की बारसी तहसील के गांव तड़वले में जन्मे शरण कांबले ने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में 11वीं व 12वीं की पढ़ाई दूर पड़ोस के गांव के स्कूल से की. इसके बाद शरण कांबले वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सांगली से बीटेक और फिर IISc से PG किया.
यूपीएससी से के लिए ठुकराया 20 लाख का जॉब ऑफर
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज (IISc) से पीजी करने के बाद शरण कांबले को 20 लाख रुपये वार्षिक वेतन वाली नौकरी का ऑफर आया. लेकिन तब तक शरण काबंले ने सिविल सेवा में जाना तय कर लिया था. उनके पिता गोपीनाथ का सपना था कि बेटा अधिकारी बने. इसलिए कांबले ने यह नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया और उन्होंने दिल्ली जाकर UPSC की तैयारी शुरू कर दी.
स्कॉलरशिप से की यूपीएससी की तैयारी
शरण कांबले ने दिल्ली में जाकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन गरीबी राह में बाधा बनने लगी. ऐसे में कांबले ने महाराष्ट्र सरकार की स्कॉलरशिप स्कीम की परीक्षा दी. इसमें पास होने पर कांबले को 8 महीने तक प्रतिमाह 12000 रुपये की छात्रवृत्ति मिलने लगी. जिसके बाद शरण कांबले अपनी तैयारी कर पाए.
शरण कांबले की UPSC Rank
शरण कांबले ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन सीएपीएफ 2019 पुरे भारत में 8वीं रैंक से पास की. इसके बाद शरण कांबले यूपीएससी सिविल सेवा 2020 में पुरे भारत में 542 रैंक से पास करके आईपीएस बने. इसके बाद 2021 में फिर से उन्होंने UPSC में 127 वीं रैंक हासिल की. इस बार शरण कांबले को IFS कैडर मिला. लेकिन शरण कांबले ने उसकी बजाए आईपीएस को ही चुना.