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NEET Success Story: कर्मचारी के बेटे ने किया नीट टॉप, हेलिकॉप्टर से पहुचां सम्मान समारोह में

नीट देश की कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. देवेश की सफलता उन नीट उम्‍मीदवारों के लिए एक मिसाल है जो डॉक्‍टर बनने का सपना देख रहे है। हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बता रहे हैं, जिसकी कहानी से आप...
 
कर्मचारी के बेटे ने किया नीट टॉप
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Top Haryana, New Delhi: डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले लाखों युवा को नीट की परीक्षा देते हैं। हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बता रहे हैं, जिसकी कहानी से आप बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

पिछले साल एक बिजली कामगार के बेटे ने नीट पेपर में 720 में से 720 अंक प्राप्त कर माता-पिता का नाम रोशन कर दिया है। वह पूरे भारत का टॉपर बन गया और तो और प्रतिभा सम्मान समारोह में हेलिकॉप्टर से पहुंचा। इस युवक को पुरस्कार में 31 लाख रुपये भी मिले। आपको बताते हैं उसकी पूरी कहानी…

यह कहानी है नीट यूजी 2024 के टॉपर देवेश जोशी की है। किसी ने नहीं सोचा था कि राजस्थान के करौली के रहने वाले देवेश किसी दिन नीट यूजी पेपर टॉप कर जाएंगे। 30 मार्च 2006 को जन्मे देवेश जोशी के पिता लोकेश कुमार बिजली विभाग में काम करते हैं। सीकर में रहकर देवेश ने नीट यूजी की तैयारी की।

उन्होंने 12वीं के बाद पहली बार नीट यूजी 2023 का पेपर दिया लेकिन इस बार उन्हें केवल 412 नंबर हासिल किए। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी शुरु कर दी।

2024 में बने ऑल इंडिया टॉपर

नीट यूजी 2024 का पेपर में देवेश जोशी ने कमाल कर दिया। उन्होंने 720 में से 720 अंक हासिल कर पूर् भारत में टॉपर का खिताब अपने नाम किया। उनकी मार्कशीट भी वायरल हो गई, जिसमें बताया गया कि नीट पेपर में उन्होंने फिजिक्स में 99 प्रतिशत केमिस्ट्री में 99 परसेंटाइल, बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी)में 99.90 परसेंटाइल पाए। महज 19 साल की आयु में देवेश ने पूरे देश में अपना नाम कमा लिया।

कितने घंटे करते थे पढ़ाई

देवेश जोशी ने साक्षात्कार में बताया था कि वह रोजाना 6 से लेकर 7 घंटे पढ़ाई करते थे। बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था. ऐसे में वह अपने सपने को पूरा करने के लिए लगातार परिश्रम करते रहे। पहली बार मिली असफलता से वह निराश नहीं हुए, बल्कि अधिक मेहनत से तैयारी की। दूसरी बार उन्होंने सफलता हासिल कर ली।

हेलिकॉप्टर से पहुंचे सीकर

नीट 2024के पेपर में टॉप करने के बाद सीकर में प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में देवेश जोशी को परिवार के साथ जयपुर से सीकर हेलिकॉप्टर से लाया गया। यहां पर उन्हें 31 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया गया।

देवेश की इस सफलता ने उनके परिवार और गांव का नाम देश में रोशन कर दिया है। देवेश की सफलता उन नीट उम्‍मीदवारों के लिए एक मिसाल है जो डॉक्‍टर बनने का सपना देख रहे है।