Neet Story: JEE में टॉप करके दिलासा नहीं मिला, NEET में भी हासिल की पहली रैंक, कौन है ये लड़की

Top Haryana, New Delhi: इंजीनियरिंग के सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए जेईई (JEE) की परीक्षा पास करनी होती है और डॉक्टर बनने के लिए नीट(NEET) की परीक्षा देनी होती है। हर कोई अपने प्रोफेशन को चुनने के लिए दोनों में से कोई एक ही परीक्षा देता है लेकिन आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी लड़की के बारे में जिसने नीट और जेईई दोनों ही परीक्षा पास तो की ही लेकिन दोनों में टॉप रैंक भी हासिल की। पिछले साल होने वाली नीट की परीक्षा में इस लड़की ने पहली रैंक प्राप्त की थी, आखिर कौन है ये लड़की और किस तरह उसने इतनी मुश्किल परीक्षा आसानी से टॉप कर लिया चलिए जानते हैं।
राजस्थान की रहने वाली इस लड़की का नाम प्राचीता है, प्राचीता ने 17 वर्ष की छोटी सी उम्र में जेईई मेंस (JEE Mains) और नीट यूजी (NEET UG) दोनों परीक्षा में टॉप करके बड़े-बड़े तुर्रम-खानों को पछाड़ दिया हैं। नीट यूजी एक बहुत ही कठिन परीक्षा है इसके बावजूद प्राचीता ने 2024 में इस परीक्षा में 99.9971285 पर्सेंटाइल (Percentile) हासिल की थी। प्राचीता का नाम पहले नंबर आने वाली 14 लड़कियों में शामिल था। जेईई मेंस की परीक्षा में 99.34 पर्सेंटाइल हासिल करने के बाद भी प्राचीता ने नीट यूजी के पेपर के बाद एम्स दिल्ली में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने का फैसला लिया ताकि वह अपने डॉक्टर बनने का लक्ष्य पूरा कर सके।
NEET Success Story: एक साथ दोनों परीक्षा में कैसे किया टॉप
इंटरव्यू में दोनों परीक्षा एक साथ पास करने के बारे में सवाल पुछे जाने पर प्राचीता ने बताया की इसके लिए उन्होंने इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में दाखिला लिया, ताकि नीट और जेईई दोनों परीक्षा को एक साथ पास कर सके। प्राचीता ने 12वीं कक्षा सीबीएसई (CBSE) बोर्ड से की थी जिसमें उन्होंने 97 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। जिसके बाद 2024 में होने वाली जेईई मेन की परीक्षा में काफी अच्छे प्राप्त किए और 99.34 पर्सेंटाइल हासिल करने के बाद जेईई एडवांस की परीक्षा दी। NTA के द्वारा जारी की आंसर की के अनुसार उन्होंने कुल 186 अंक प्राप्त किए थे। प्राचीता ने यह भी कहा कि उन्होंने मैथ्य सिर्फ इसलिए लिया था ताकि वे अपनी फिजिक्स सुधार सके, जिसका उन्हें हुआ और उनकी फिजिक्स पहले से काफी बेहतर हो गई।
NEET Topper Story: हर रोज 6-7 घंटे समय दिया पढ़ाई को
नीट (NEET) की टॉपर प्राचीता से उनकी सफलता का राज पुछा गया तो प्राचीता ने बताया की उन्हें एनसीईआरटी (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों पर काफी ज्यादा भरोसा था और साथ ही अभ्यास के लिए मॉक टेस्ट देने में घंटो का समय बिताया था। शुरुआत में प्राचीता ने तीन सप्ताह के बाद एक मॉक टेस्ट देने का फैसला किया लेकिन उसके बाद उन्होंने हर रोज मॉक टेस्ट पर प्रेक्टिस करने का निर्णय लिया। उनका एक छोटा भाई भी है जिसकी उम्र 5 साल है, प्राचीता ने बताया की 7 घंटे पढ़ाई को देने के बाद वह अपना खाली समय अपने भाई के साथ व्यतीत करना पसंद करती थी।