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JEE Main Update: NTA की गलतियों की सजा छात्रों को क्यों, उनके भविष्य के साथ हुआ धोखा 

JEE Main Update: क्यों NTA कर रहा है छात्रों के भविष्य के साथ यह गलती, आउट ऑफ सिलेबस सवाल और अनुवाद की गलतियों ने इसे विवादों में किस प्रकार लाकर खड़ा किया।

 
JEE Main Update: NTA की गलतियों की सजा छात्रों को क्यों, उनके भविष्य के साथ हुआ धोखा 
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TOP HARYANA: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक JEE Main के सेशन 1 में आए 12 गलत प्रश्न, कई आउट ऑफ सिलेबस सवाल और ऐसी तमाम गड़बड़ियों को सुधारने के गलत तरीकों ने एग्जाम कराने वाली एजेंसी NTA को फिर से विवादों में लाकर खड़ा कर दिया है। 2021 से लेकर अब तक के आंकड़े बताते है कि लगभग हर साल JEE Main में गलत सवाल आते रहे है लेकिन इस बार हुई परीक्षा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

इस बार छात्रों का सामना 12 गलत सवालों से हुआ, ऐसे सवालों को NTA ड्रॉप्ड सवाल कहता है और इसके लिए उसकी एक व्यवस्था है, जिसके तहत कुछ केसों में सभी छात्रों को तो कुछ में उन छात्रों को पूरे नंबर दे दिए जाते है जिन्होंने उसे अटेम्प्ट किया हो।

NTA की गलती

ऐसे नियमों से उन बच्चों के साथ अन्याय होने की आशंका पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती, जिन्होंने ऐसे गलत सवालों पर अपने कीमती दस से बारह मिनट लगाए और उसमें उलझ गए। गलत सवाल को अटेम्प्ट करने वाला एक औसत बच्चा 4 नंबर लेकर उस काबिल बच्चे के बराबर आ जाए या आगे हो जाए जिसने उस गलत सवाल को झुंझलाकर छोड़ दिया होगा।

जिस एग्जाम में एक-एक नंबर से परसेंटेज में बहुत बड़ा फर्क आ जाता हो, उसमें ऐसे गलत सवालों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, NTA उन्हें मानवीय या तकनीकी भूल कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकता है।

सिलेबस से बाहर

साल 2024 में तमाम विवादों में रहे NTA ने इस साल बार-बार भरोसा दिलाया था कि एग्जाम साफ सुथरा होगा लेकिन सवाल फिर भी उठ रहे है। Carnot Cycle और न्यूटन लॉ ऑफ कूलिंग ऐसे टॉपिक है जिन्हें JEE Main के सिलेबस से बाहर किया जा चुका है फिर भी इन टॉपिक से सवाल पूछे गए थे। मानो इतना काफी न था कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेपर में अनुवाद तक की गलतियां नजर आई है।

एक गलती, पांच नंबर

यदि कोई बच्चा 1 सवाल गलत कर दे तो उसे 4 नंबर से तो हाथ धोना ही पड़ता है लेकिन उसका 1 अंक नेगेटिव मार्किंग के रूप में और काट लिया जाता है यानी एक गलती उसे 5 नंबर से पीछे कर देती है। NTA ने तो 12 गलतियां की है, इस हिसाब से उसके कितने नंबर काटे जाने चाहिए, क्यों नहीं उसके कर्ताधर्ताओं से कहा जाना चाहिए कि आप तो मेरिट से पूरी तरह ही बाहर हो गए है।

आपका परसेंटाइल तो बहुत नीचे चला गया, इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन और पूरे एग्जाम सिस्टम में सुधार वक्त की मांग है, आखिर देश की इतनी बड़ी टेस्टिंग की साख बचाना जो जरूरी है जिससे लाखों छात्रों का भरोसा उसमें कायम रहे।