IFS Tamali Shah: किसी हीरोइन से कम नहीं है ये IFS अफसर, फोटोज देखकर हो जाओगे पागल
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Top haryana: यूपीएससी को देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए दिन-रात पढ़ाई करनी पड़ती है। तब जाकर आईएएस, आईपीएस अफसर बन पाते हैं। कई उम्मीदवार सालों तक इस परीक्षा को पास करने के लिए तैयारी करते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी उम्मीदवार होते हैं जो पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर सफलता हासिल कर लेते हैं।
कॉलेज में लिया सिविल सेवा में जाने के निर्णय
तमाली साहा का जन्म बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा जिले बंगाल से ही पूरी की। अपनी पढ़ाई के दौरान तमाली ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया और उनका झुकाव शुरुआत से ही सिविल सेवा में जाने की ओर था
स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद तमाली कोलकाता चली गई। जहां उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से जूलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने का दृढ़ संकल्प कर लिया था।
पहले प्रयास में हासिल की सफलता
तमाली ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी। उन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी की भारतीय वन सेवा परीक्षा पास की। उनकी इस शानदार उपलब्धि ने उन्हें IFS ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया। तमाली को अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल में ही तैनात किया गया, जहां वह अब अपने कर्तव्यों का पालन कर रही हैं।
यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत और लगातार पढ़ाई की आवश्यकता होती है। कई उम्मीदवार सालों तक इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर लेते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी बताने जा रहे हैं, जो हमें दिखाती है कि कठिन मेहनत और सच्ची लगन से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है।
यह कहानी पश्चिम बंगाल की तमाली शाह की है। तमाली ने केवल 23 साल की उम्र में पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास की और भारतीय वन सेवा (IFS) की अफसर बनीं।
कॉलेज के दिनों से ही सिविल सेवा की ओर झुकाव
तमाली शाह का जन्म बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं से प्राप्त की। बचपन से ही वह पढ़ाई में अव्वल थीं और उनका झुकाव हमेशा से सिविल सेवा की ओर था। इस दिशा में कदम बढ़ाने का विचार उन्हें पहले ही आ गया था, और उन्होंने यह ठान लिया था कि वह सिविल सेवा की परीक्षा जरूर पास करेंगी।
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, तमाली कोलकाता चली गईं, जहां उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से जूलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी और इसके लिए पूरी मेहनत और समर्पण के साथ जुट गईं।
पहले प्रयास में ही मिली सफलता
तमाली शाह ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने पहले प्रयास में ही भारतीय वन सेवा (IFS) की परीक्षा पास की, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इस सफलता के बाद उन्हें भारतीय वन सेवा (IFS) अफसर के रूप में नियुक्त किया गया। उनका ये कारनामा यह साबित करता है कि अगर इंसान के पास आत्मविश्वास, मेहनत और सही दिशा हो, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
तमाली की इस सफलता ने यह भी दिखा दिया कि सिविल सेवा में सफलता पाने के लिए लंबी और कठिन यात्रा नहीं जरूरी है। अगर आपके पास सही दिशा, सही मार्गदर्शन और मेहनत का जज्बा हो, तो सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि कम उम्र में भी एक व्यक्ति सफलता हासिल कर सकता है, बशर्ते वह समर्पण और मेहनत के साथ अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करे।
पश्चिम बंगाल में तैनात
तमाली को उनके गृह राज्य पश्चिम बंगाल में ही तैनात किया गया है, जहां वह अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं। IFS अफसर के तौर पर तमाली शाह अपने कर्तव्यों का पालन कर रही हैं और वन्यजीवों की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और वन क्षेत्रों के प्रबंधन में अहम भूमिका निभा रही हैं।
तमाली शाह की सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम अपने सपनों को सच्चे दिल से चाहें और उस दिशा में पूरी मेहनत से काम करें, तो कोई भी बाधा हमें सफलता की ओर बढ़ने से रोक नहीं सकती।
तमाली शाह की यह यात्रा एक आदर्श है, जो हमें बताती है कि मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।