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Success Story: माता पिता है किसान, बेटा बना गांव का पहला डॉक्टर, जानें संघर्ष की पूरी कहानी

जरूरी नहीं है की घर से बाहर जाकर पढे़ ,कोचिंग सेंटरों पर फीस भरने से ही आपको सफलता मिलेगी बल्कि कड़ी मेहनत और लक्ष्य बनाकर की गई पढ़ाई से भी ये संभव हो सकता है।​​​​
 
कैसे बना किसान का बेटा गाँव का पहला डॅाक्टर ,आइए जानिए
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Top Haryana: राजस्थान के गांव चुरु में एक किसान के बेटे कुमार रोहित का मानना है कि सफलता मौके की मोहताज नहीं होती और इस बात को सच कर दिखाया है राजस्थान के गांव चूरू के एक बेटे ने। यह होनहार बेटा एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखता है ।रोहित कुमार की सफलता हासिल करने की कहानी जितनी लाजवाब है उतना ही कठिन कुमार रोहित का संघर्ष था। 

उसी संघर्ष से कुमार रोहित ने बिना प्रशिक्षण रोहित ने नीट की परीक्षा में पुरे भारत 2243 और ओबीसी में 648 वी रैंक हासिल की है। जिसके बाद कुमार रोहित के परिवार में खुशी का माहौल बन गया। कुमार रोहित राजस्थान के चूरू जिले के धीरवास गांव से हैं और रोहित गांव के पहले ऐसा छात्र हैं जो डॉक्टर बनने जा रहा है। 

कुमार रोहित ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और अपने अध्यापकों को दिया है। कुमार रोहित के नीट के परीक्षा पास करने पर उसके परिवार वाले फुले नहीं समा रहे। रोहित के परिवार वाले बताते हैं कुमार रोहित शुरू से पढ़ाई में होनहार रहा है जिसके दसवीं में 80,83 प्रतिशत और 12वीं में 7880 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। 

खुद से पढ़कर सफलता हासिल की

रोहित के पिता ने बताया कि नीट की तैयारी किसी भी कोचिंग सेंटर से नहीं की बल्कि गांव में खुद पढ़कर ये सफलता हासिल की है। कुमार रोहित बताते हैं उन्होंने हर रोज करीब 8 से 9 घंटे की पढ़ाई की और कड़ी मेहनत से ये सफलता हासिल की है। 

कुमार रोहित की इस सफलता से अब ना सिर्फ कुमार रोहित के परिवार बल्कि कुमार रोहित के गुरुजन भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। कुमार रोहित ने बताया कि जरूरी नहीं की घर से बाहर जाने के बाद कोचिंग सेंटरों पर फीस भरने से आपको सफलता मिलेगी बल्कि कड़ी मेहनत और लक्ष्य बनाकर की गई पढ़ाई से भी ये संभव है।