जब दरोगा जी खुद अपने थाने में हो गए कैद, क्या था उनका गुनाह?

Top Haryana: जब सैंया भयो कोतवाल तब काहे का डरना..यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन झारखंड में एक दरोगा जी को अपने पद का रौब दिखाकर 5 हजार रुपये की घूस लेना महंगा पड़ गया। उन्हें उन्हीं के थाना के अंदर से एंटी करप्शन ब्यूरो झारखंड की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। दूसरों को कानून तोड़ने पर गिरफ्तार करने वाले दरोगा जी खुद ही 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ अपने ही थाना परिसर से गिरफ्तार हो गए।
ये मामला झारखंड के रांची के कोतवाली थाना परिसर से सामने आया है, जहां कोतवाली थाना में तैनात सब-इंस्पेक्टर (दारोगा) ऋषिकांत को लगभग पांच लोग उनके ही थाने से पकड़कर ले जा रहे थे। इस दौरान थाने में हड़कंप मचा गया। शुरुआत में लोगों को लगा कि शायद कुछ अपराधी थाना में पहुंचे हैं। हालांकि बाद में पता चला कि कोतवाली थाने के दरोगा ऋषिकांत को मोबाइल छोड़ने की एवज में ओम शंकर गुप्ता नाम के व्यक्ति से 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ एंटी करप्शन ब्यूरो रांची की टीम ने गिरफ्तार किया है।
कोर्ट से मिल चुकी जमानत
इस दौरान दारोगा का फोन भी जब्त कर लिया गया। मामले को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो रांची (झारखंड) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रांची के रातू थाना क्षेत्र अंतर्गत रातू चट्टी के रहने वाले ओम शंकर गुप्ता के खिलाफ रांची के कोतवाली थाना में कांड संख्या-308/24 दर्ज है। इस मामले में ओम शंकर गुप्ता को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
5 हजार रिश्वत लेने का आरोप
हालांकि शिकायतकर्ता ओम शंकर गुप्ता रिश्वत देने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन दरोगा ऋषिकांत ने उन पर रिश्वत देने का दबाव बनाया। आरोप है कि दारोगा ने रिश्वत नहीं देने पर शिकायतकर्ता से कहा कि ‘मोबाइल भूल जाओ’ इस तरह की धमकी दारोगा जी दे रहे थे। इसके बाद शिकायतकर्ता ओम शंकर गुप्ता ने इस मामले को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो, रांची में आवेदन दिया। उन्होंने आवेदन का विधिवत सत्यापित करने के बाद आज एंटी करप्शन ब्यूरो ने कोतवाली थाना के दारोगा ऋषिकांत को 5 हजार रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
जमीन के मामले में रिश्वत
कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 2 जनवरी 2025 को रांची के सदर अंचल के CO (अंचल अधिकारी) मुंशी राम को एक जमीन के मामले में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। वह शिकायतकर्ता से 37 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। वहीं उनके घर से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने छापेमारी कर 11.42 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए थे।