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Zomato Update: मुनाफा हुआ कम, फिर भी Blinkit में लगा रही है करोड़ो रुपए, जाने यह खबर 

Zomato Update: जोमैटो के शेयरों में पिछले महीने 23 फीसदी तक की भारी गिरावट देखी गई थी, पिछले 5 दिनों में इसके शेयर 7 फीसदी तक कम हो गए है जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स में सिर्फ 2.3 फीसदी की गिरावट...

 
Zomato Update: मुनाफा हुआ कम, फिर भी Blinkit में लगा रही है करोड़ो रुपए, जाने यह खबर  

TOP HARYANA: भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड फूड डिलीवरी कंपनी Zomato के शेयरों में कुछ दिनों से भारी  गिरावट  लगातार  जारी है, बीते एक महीने में कंपनी के शेयरों में 25 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है। Zomato ने दिसंबर 2024 तिमाही के जो नतीजे पेश किए थे वह निवेशकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे है।

रिजल्ट के मुताबिक जहां कंपनी की आय में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है, वहीं मुनाफे में 66 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई।इसके बाद से शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है लेकिन कंपनी इस गिरावट को भूलकर अपने साथी क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit में जमकर पैसा लगा रही है। हम आपको बताते है कि आखिर जोमैटो ऐसा क्यों कर रही है और क्या इसके पीछे कोई खास रणनीति शामिल है। 

ब्लिंकिट में जमकर लग रहा है पैसा

Zomato ने ब्लिंकिट के विस्तार पर बड़ा दांव लगाते हुए मार्च 2025 तक इसके डार्क स्टोर की संख्या मौजूदा 526 से बढ़ाकर 1 हजार तक करने की योजना बनाई है, Zomato की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू में सालाना आधार पर 20 फीसदी और तिमाही आधार पर 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 

परंतु Blinkit के आक्रामक विस्तार और बाजार में बढ़ते कंपटीशन की वजह से इसका EBITDA घाटा बढ़कर 103 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है जो पिछली तिमाही में केवल 8 करोड़ रुपये ही था।

कंपनी का तिमाही EBITDA मार्जिन भी सितंबर 2024 के 9 फीसदी से घटकर दिसंबर 2024 में 7.6 फीसदी पर आ गया, Zomato का एडजस्टेड EBITDA फूड डिलीवरी बिजनेस से 423 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में इस बार 82 फीसदी अधिक था। Blinkit की बढ़ती लागत कंपनी की वित्तीय सेहत पर काफी दबाव डाल रही है। 

कंपनी की रणनीति

कंपनी के CEO दीपिंदर गोयल ने ब्लिंकिट के विस्तार को लेकर स्पष्ट किया कि यह एक सोची-समझी रणनीति है उन्होंने कहा कि हमने क्विक-कॉमर्स के लिए बड़े निवेश पहले ही कर दिए थे। अब हमारा लक्ष्य दिसंबर 2025 तक 2 हजार डार्क स्टोर का है, जो पहले दिसंबर 2026 तक था।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि Zomato की यह लॉन्ग टर्म की रणनीति भारतीय बाजार में सफल हो सकती है लेकिन निकट भविष्य में इसे कई आर्थिक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है, कंपनी को ब्लिंकिट के मॉडल को मुनाफे में बदलने और अपने निवेश को संतुलित करने की आवश्यकता है।