top haryana

Economic Survey 2025: आर्थिक सर्वे से पता चला कैसी रहेगी 2025 में GDP की ग्रोथ, महंगाई पर एक बड़ी चोट 

Economic Survey 2025: इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2047 तक भारत को विकसित करने के लिए अगले एक से दो दशक तक 8 फीसदी के दर से आर्थिक विकास करना अति...

 
Economic Survey 2025: आर्थिक सर्वे से पता चला कैसी रहेगी 2025 में GDP की ग्रोथ, महंगाई पर एक बड़ी चोट 

TOP HARYANA: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए जा रहे आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2025-26 में GDP ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया है, जो बीते हुए चार सालों में सबसे कम विकास दर होने का अनुमान लगाया है। बीते साल 22 जुलाई 2024 को आर्थिक सर्वे में मौजूदा चालू वित्त वर्ष के लिए 7 फीसदी तक की GDP ग्रोथ रेट रहने का अनुमान लगाया गया था।

2047 तक विकसित भारत 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में भारत के आर्थिक सेहत और विकास का लेखा-जोखा आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया है,  आर्थिक सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 में GDP की ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी से लेकर 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लिए अगले एक से दो दशक तक 8 फीसदी के दर से आर्थिक विकास करना अनिवार्य होगा।

2047 में देश की आजादी के शताब्दी वर्ष के समय तक विकसित भारत बनने की अपनी आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु भारत को एक या दो दशक तक औसतन करीब 8 फीसदी GDP ग्रोथ रेट प्राप्त करने की आवश्यकता है। ये बेहद महत्वपूर्ण है कि वैश्विक हालात जिसमें राजनीतिक और आर्थिक हालात शामिल है वो भारत के आर्थिक विकास के नतीजों पर प्रभाव डाल सकते है।  

सोशल सर्विसेज एक्सपेंडिचर में उछाल 

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार स्वास्थ्य, कौशल विकास, शिक्षा और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विकास के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने पर सरकार के कार्य में महत्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2020-21 में इन सब पर 23.3 फीसदी खर्च किया गया था जो 15 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 26.2 फीसदी तक किया गया है।

वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्रीय और राज्य सरकार का सोशल सर्विसेज एक्सपेंडिचर वित्त वर्ष 2020-21 में 14.8 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 25.7 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। आर्थिक सर्वे 2024-25 के अनुसार लेबर रिफॉर्म्स के चलते श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हो पाई है तो इसके चलते रोजगार के अवसर काफी अधिक बढ़े है।

बजट के ऊपर हुए सर्वे के मुताबिक इन सुधारों का मकसद रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने के साथ इकोनॉमिक समावेशिता को बढ़ावा देना और भारत देश को अत्यधिक करने के लिए कार्य किए जा रहे है।