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Car Tax Calculation: 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है पता, कार खरीदने पर सरकार का भी उन पैसों पर होता है हक, जल्दी से जान लें ये बातें

Car Tax Calculation 2025: आप गाड़ी खरीदते है, और ये बात जरूर सोचते होंगे कि इतना पैसा कंपनी रखती है या नहीं, तो आज हम इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे है कि सरकार का कितना पैसा आपकी जेब से गाड़ी खरीदने पर होता है, तो आइए जानते है...

 
Car Tax Calculation: 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है पता, कार खरीदने पर सरकार का भी उन पैसों पर होता है हक, जल्दी से जान लें ये बातें

Top Haryana: रोड टैक्स का निर्धारण राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है, और यह हर राज्य में अलग-अलग हो सकता है। कई राज्य अपनी-अपनी नीतियों और नियमों के अनुसार रोड टैक्स की दरों को निर्धारित करते हैं। इस टैक्स का निर्धारण मुख्य रूप से निम्नलिखित आधारों पर किया जाता है..

कार की कीमत: कार की मूल्य के आधार पर यदि कार महंगी है तो रोड टैक्स की दर भी अधिक हो सकती है।

इंजन की क्षमता: कार के इंजन की क्षमता, यानी कि इंजन का आकार (सीसी), भी टैक्स पर प्रभाव डालता है। बड़ी इंजन वाली कारों पर अधिक टैक्स लगाया जा सकता है।

कार की उम्र: नई कारों पर टैक्स अधिक होता है, लेकिन जैसे-जैसे कार पुरानी होती है, रोड टैक्स की दर में भी कमी हो सकती है।
एक नई कार खरीदने पर कई प्रकार के टैक्स और शुल्क होते हैं जो सरकार को जाते हैं।

1. एक्स-शोरूम कीमत:
यह वह कीमत है, जो कार निर्माता कंपनी से डीलर तक कार पहुंचाने में लगती है। इसमें परिवहन लागत, डीलर का कमीशन और अन्य संबंधित खर्च शामिल होते हैं। यह कीमत कार के मूल मूल्य का हिस्सा होती है और उस पर विभिन्न टैक्स लगाए जाते हैं।

2. रोड टैक्स:
यह टैक्स राज्य सरकार के द्वारा लिया जाता है और यह राज्य दर राज्य अलग-अलग हो सकता है। रोड टैक्स का निर्धारण कार के मॉडल, इंजन की क्षमता और उसकी कीमत के आधार पर होता है। यह एक बार पंजीकरण के समय भुगतान करना होता है, लेकिन कुछ राज्यों में इसे सालाना आधार पर लिया जा सकता है।

3. रजिस्ट्रेशन शुल्क:
जब आप नई कार खरीदते हैं, तो रजिस्ट्रेशन के लिए भी शुल्क देना पड़ता है। यह शुल्क कार के प्रकार और इंजन की क्षमता के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और इसे एक बार पंजीकरण के समय देना होता है।
4. मोटर व्हीकल टैक्स:
यह टैक्स भी राज्य सरकार के द्वारा लिया जाता है और यह कार के मॉडल, इंजन की क्षमता और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। यह आमतौर पर एक बार पंजीकरण के समय लिया जाता है।

5. GST (Goods and Services Tax):
GST केंद्र सरकार के द्वारा लिया जाता है और यह कार की एक्स-शोरूम कीमत पर आधारित होता है। सामान्यत: GST दर 18% या 28% होती है, जो कार के प्रकार पर निर्भर करती है।

उदाहरण: अगर मारुति की ग्रैंड विटारा एसयूवी की एक्स-शोरूम कीमत ₹10,61,379 है, तो 28% GST लगाने पर ₹2,97,186 की राशि जुड़ जाती है।

6. CESS (Clean Energy Cess):
CESS भी GST के साथ लागू किया जाता है, और यह कार की श्रेणी के आधार पर 17% तक हो सकता है। जैसे ग्रैंड विटारा एसयूवी पर 17% CESS का मतलब ₹1,80,434 अतिरिक्त जुड़ जाते हैं।

7. अतिरिक्त शुल्क:
कुछ राज्यों या नगर निगमों द्वारा अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाता है, जैसे पार्किंग शुल्क, पर्यावरण शुल्क या अन्य प्रशासनिक शुल्क। यह शुल्क राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार लागू हो सकते हैं।

कुल मिलाकर टैक्स और शुल्क:
अगर ग्रैंड विटारा की एक्स-शोरूम कीमत ₹10,61,379 है, तो कुल टैक्स और शुल्क इस प्रकार होंगे
GST (28%): ₹2,97,186
CESS (17%): ₹1,80,434
कुल टैक्स: ₹4,93,620 (जो कि लगभग 46% की टैक्स राशि बनती है)