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Haryana News: हरियाणा में बारिश बनी किसानों की परेशानी, 8 जिलों में हजारों एकड़ फसल बर्बाद

Haryana News: हरियाणा में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 
Haryana News: हरियाणा में बारिश बनी किसानों की परेशानी, 8 जिलों में हजारों एकड़ फसल बर्बाद
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Top Haryana: हरियाणा में मानसून से किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। पिछले तीन दिनों से हल्का बारिश का दौर चल रहा था। अब बारिश ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। सोमवार को प्रदेश के छह जिलों में बारिश हुई और मंगलवार को पांच जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया।

बाकी जिलों में भी बारिश की संभावना बनी हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक 21 जुलाई की रात से मानसून दोबारा तेज हुआ है और हवा में नमी बढ़ने के कारण आने वाले दिनों में तेज बारिश हो सकती है।

55 हजार एकड़ फसल जलभराव से प्रभावित

तेज बारिश के कारण हरियाणा के खेतों में भारी जलभराव हो गया है। राज्य भर में करीब 55 हजार एकड़ से ज्यादा फसल इससे प्रभावित हुई है। खासकर हिसार, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, भिवानी और रोहतक जैसे जिलों में खेतों में पानी भर गया है। किसान खेतों से पानी निकालने में जुटे हैं। कई जगह तो हालात इतने खराब हैं कि किसानों ने कपास की फसल पर ट्रैक्टर चला दिए यानी पूरी फसल को नष्ट कर दिया।

किस-किस जिले में कितनी फसल खराब

यमुनानगर जिले के पांच गांवों में 500 एकड़ से ज्यादा धान की फसल खराब हो गई है। किसानों को दोबारा रोपाई करनी पड़ रही है। झज्जर में 12 हजार एकड़ फसल जलभराव से प्रभावित हुई है। कुरुक्षेत्र में 800 एकड़, फतेहाबाद में 1 हजार 800 एकड़ और हिसार में करीब 7 हजार एकड़ फसल पर बुरा असर पड़ा है।

भिवानी जिले में 12 हजार एकड़ में पानी भरा जिसमें से 7 हजार एकड़ से पानी निकाला जा चुका है और पंपसेट लगाए गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान रोहतक में हुआ है जहां करीब 19 हजार एकड़ फसल पानी में डूबी हुई है। सिरसा के आठ गांवों में 2 हजार एकड़ में फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है।

ग्वार, नरमा और मूंगफली की फसलें भी खराब

सिरसा जिले के किसान अशोक कुमार कासनियां, प्रदीप कुमार, मनीष, राजेश सहारण, मुकेश नंबरदार और भरत सिंह ने बताया कि लगातार बारिश और पानी भरने के कारण नरमा, ग्वार और मूंगफली की फसलें पूरी तरह खराब हो गई हैं। हालात इतने खराब हैं कि उन्हें मजबूरी में ट्रैक्टर चलाकर फसल नष्ट करनी पड़ी।