Surajkund Mela: मेले में सेल का खेल हुआ शुरू, सभी सामान पर मिल रही है भारी छूट 
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Surajkund Mela: मेले में सेल का खेल हुआ शुरू, सभी सामान पर मिल रही है भारी छूट 

Surajkund Mela: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है और मेले में सेल का खेल भी शुरू हो गया है, चटाइयों और सजावटी सामानों पर आकर्षक छूट। 

 
Surajkund Mela:
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Top Haryana: 7 फरवरी से शुरू हुआ सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला समापन की ओर है, रविवार को मेले का समापन किया जाएगा। समापन के नजदीक आते ही मेले में सेल का खेल शुरू कर दिया गया है, बहुत से उत्पादों की सेल शुरू हुई है तो कई जगह विशेष छूट दी जाने लगी है।

मेले में वुडन की कृतियों पर कई जगह सेल लगा दी गई है, हर आइटम के दाम 100 रुपये कर दिए गए हैं। वुडन की कृतियों में फोटो फ्रेम, कंघी, ज्वैलरी बाक्स और खिलौना 100 रुपये में बिक रहा है।

200 का सामान 100 रुपये में

पहले यही आइटम 200 रुपये में बेची जा रही थी, सहारनपुर के स्टाल पर कई कृतियों की सेल लगाई गई है, छोटी चौपाल के आसपास कई स्टालों पर मैट और दरी की भी सोल लगाई गई है, फूड कोर्ट के पास स्टॉल पर वुडन का चकला बेलन, टोकरी के साथ ही कई सजावटी कृतियां है, यहां पर सेल लगा कर हर माल 200 रुपये में बेचा जा रहा है।

20 फीसदी तक छूट

ओडिशा पवेलियन में निरंजन ने पट्ट चित्रकारी की हर आइटम की खरीद पर 20 फीसदी तक छूट देनी शुरू कर दी है, उनके पास घर की सजावट का समान भी है। निरंजन कहते हैं कि अब मेले के सिर्फ 2 दिन ही रह गए है, सामान को ले जाने से बेहतर है कि छूट देकर यही पर ही सामान को बेचा जाए।

38 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला नारी सशक्तिकरण के लिहाज से उपयोगी सिद्ध हो रहा है, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है। ग्रामीण महिलाओं की ऐसे मेले के आयोजन से आर्थिक स्थिति सुधर रही है, मेला परिसर में छोटी चौपाल के नजदीक ऐसे कई स्टॉल हैं, जिन पर महिलाओं की ओर से बनाए गए उत्पाद हैं।

सरस्वती जन कल्याण समिति 

करनाल की सरस्वती जन कल्याण समिति से 1 हजार 200 महिलाएं जुड़ी है, जो अपने-अपने घरों में ऊन के स्वेटर, जैकेट, टोपी तथा बच्चों की ड्रेस बनाती है, समिति से जुड़ी पूजा यहां मेले में ऊन के स्वेटर, टोपी तथा बच्चों की ड्रेस लेकर आई है। स्टॉल संचालिका पूजा कहती हैं कि उनकी संस्था से जुड़कर बहुत ही महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुई है।

संस्था से जुड़ी नीलम और गीता कहती हैं कि उन्हें संस्था से जुड़ कर हर महीने 10 हजार रुपये तक कमा लेती है, छोटी चौपाल के पास ही पंचकूला का  स्टॉल  है, विरासत टू बैक रूट के स्टाल पर विभिन्न गांवों की महिलाओं द्वारा निर्मित दरी और मैट हैं। इस संस्था से जुड़ कर रायपुर रानी, पंचकूला की बहुत सी महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरी है।