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Rock Garden: हजारों लोगों ने मार्च निकालकर विरोध जताया, हाईकोर्ट जाने की है तैयारी

Rock Garden: विरोध मार्च निकालकर लोगों ने शहर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत को बचाने की मांग की, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के उस निर्णय पर सवाल उठाए।

 
Rock Garden: हजारों लोगों ने मार्च निकालकर विरोध जताया, हाईकोर्ट जाने की है तैयारी
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Top Haryana: चंडीगढ़ के रॉक गार्डन में यूटी प्रशासन की कार्रवाई पर काफी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे, शहर के लोगों ने शुक्रवार शाम रॉक गार्डन फेज-3 से सुखना लेक तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वर्षों पुराने पेड़ काटे जा रहे है और शहर की धरोहर को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे चंडीगढ़ की पहचान खतरे में पड़ सकती है, लोग हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है, फिलहाल यूटी प्रशासन ने कार्रवाई रोकी है।

सेविंग चंडीगढ़ अभियान के तहत निकाले गए विरोध मार्च में लोगों ने शहर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत को बचाने की मांग की, लोगों ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले पर सवाल उठाए, जिसमें कोर्ट ने वकीलों के लिए एक पार्किंग स्थल बनाने का आदेश दिया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि याचिकाकर्ता और फैसले लेने वाले एक ही पक्ष नहीं हो सकते।

सेविंग चंडीगढ़ कोर कमेटी की सदस्य दीपिका गांधी, आरके गर्ग, पवेला बाली, अमृता सिंह, अमनदीप सिंह और पद्मश्री नेकचंद की पोती प्रियंका सैनी ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, उनका कहना है चंडीगढ़ का मूल मास्टर प्लान पूरी योजना और विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया था और इसे संरक्षित रखना अति आवश्यक है।

संजोकर रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी

रॉक गार्डन न सिर्फ एक स्थानीय धरोहर है, बल्कि विश्व स्तर पर एक कलात्मक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जाना जाता है, इसे संजोकर रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। नेकचंद जैसे विश्व प्रसिद्ध कलाकार का अपमान करना अनुचित है, यह केवल पार्किंग स्थल के लिए किया जा रहा है, पेड़ों को काटा जा रहा है। नेकचंद, ली कार्बूजिए और एमएस रंधावा की विरासत को ठेस पहुंचाई जा रही है।  

पहचान खो देंगे

जल संरक्षण कार्यकर्ता अमनदीप सिंह ने कहा कि हरे-भरे पेड़ों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, आरके गर्ग ने कहा कि अंधाधुंध आधुनिकीकरण की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, यदि चंडीगढ़ को इसी तरह नष्ट किया जाता रहा तो हम अपने शहर के असली पहचान को खो देंगे।

सार्वजनिक भागीदारी की मांग

विरोध प्रदर्शन में शामिल पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रंजीत पवार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपनी धरोहर को बचाने के लिए यूनेस्को की मंजूरी की जरूरत पड़ती है। सार्वजनिक मंचों पर नागरिकों की भागीदारी के साथ फैसला लेने की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से मांग की वे विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखें।