top haryana

Property Rule: घर खरीदते समय ये गलतियां बिल्कुल न करें, वरना पड़ सकता है भारी नुकसान

Property Rule: आप भी नया घर खरीद रहें है तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें, आइए जानें विस्तार से...
 
Property Rule
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana: आज के जमाने में घर खरीदना इतना आसान नहीं रहा। होम लोन लेने से लेकर घर की रजिस्ट्री तक कई तरह की मुश्किलें आती हैं। कई बार बिल्डर अचानक से प्रोजेक्ट रद्द कर देते हैं, प्रोजेक्ट में देरी हो जाती है या जो वादे किए जाते हैं वे पूरे नहीं होते।

इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने 2016 में RERA (Real Estate Regulation and Development Act) नाम का कानून बनाया है ताकि घर खरीदने वाले लोगों को सुरक्षा मिल सके। कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जो RERA भी ठीक नहीं कर पाता। इसलिए घर खरीदते वक्त इन 6 बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है।

बिना समझे साइन न करें एकतरफा एग्रीमेंट

कई बार बिल्डर अपने फायदे के लिए एग्रीमेंट में ऐसे नियम डाल देते हैं, जिनसे वे आपके अलॉटमेंट को कैंसिल कर सकते हैं या प्रोजेक्ट की डिज़ाइन में बदलाव कर सकते हैं।
इसलिए किसी भी दस्तावेज़ या एफिडेविट पर बिना ध्यान से पढ़े साइन न करें। क्योंकि RERA भी ऐसे एकतरफा डॉक्यूमेंट को मान्यता देता है और इससे आपको बाद में कानूनी परेशानी हो सकती है।

बुकिंग के समय कैश में पेमेंट न करें

कुछ लोग स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए बुकिंग के समय कैश में पेमेंट कर देते हैं। लेकिन जब किसी कारणवश रिफंड लेना हो तो कैश ट्रांजेक्शन कानूनी तौर पर स्वीकार्य नहीं होते। इसलिए कोशिश करें कि पेमेंट हमेशा बैंक ट्रांजेक्शन के जरिए करें ताकि पैसे वापस लेने में आसानी हो।

पेमेंट समय पर करना बहुत जरूरी

अगर आप EMIs या किस्तें समय पर नहीं भरते हैं तो बिल्डर आप पर देरी का आरोप लगा सकता है। कोर्ट का मानना है कि देर से पेमेंट करने वाला मुआवजे का हकदार नहीं होता। इसलिए घर खरीदने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति देखकर ही पेमेंट शेड्यूल को तय करें।

बिना सोचे पजेशन डेट में बदलाव न करें

कभी-कभी बिल्डर पजेशन (घर मिलने) की तारीख बदल देते हैं और आप बिना सोचे इसे स्वीकार कर लेते हैं। इससे आपके बिल्डर के खिलाफ केस कमजोर हो जाता है क्योंकि इसे देरी मानकर कोर्ट आपको सही नहीं समझेगा। इसलिए कोई भी तारीख बदलने की बात हो तो पहले कानूनी सलाह जरूर लें।

बिल्डर की शिकायत में देरी न करें

अगर बिल्डर अपने वादे पूरे नहीं करता है तो तुरंत RERA में शिकायत दर्ज करें। शिकायत करने में देर करने पर आपकी याचिका को खारिज भी किया जा सकता है। इसलिए समय पर शिकायत करना आपकी हिफाजत के लिए जरूरी है।

प्री-ईएमआई और रेंटल रिटर्न स्कीमों पर भरोसा न करें

कई बिल्डर प्रोजेक्ट्स में प्री-ईएमआई या रेंटल रिटर्न का वादा करते हैं। RERA इन्हें कानूनी तौर पर नहीं मानता। ये केवल निजी समझौते होते हैं और अगर बिल्डर पैसे देने से मना कर दे तो आपकी मदद कोई कानून नहीं कर सकता। इसलिए केवल बिल्डर के वादों पर भरोसा न करें हर दस्तावेज को ध्यान से पढ़ें और कैश ट्रांजेक्शन से बचें।