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Property Registry Update: जमीन रजिस्ट्री कराने वालों के लिए खुशखबरी, नाम होगी अब 1 रूपये में, जानें नया नियम

Property Registry Update:लाल डोरा योजना की शुरुआत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की थी।  इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना और उनके संपत्ति संबंधी अधिकारों को मान्यता देना था। जानें...

 
जमीन रजिस्ट्री कराने वालों के लिए खुशखबरी, नाम होगी अब 1 रूपये में, जानें नया नियम
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Top Haryana: हरियाणा सरकार ने लाल डोरा योजना के तहत गांवों में रहने वाले लोगों को उनके जमीन पर मालिकाना हक देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। यह कदम विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो अपनी ज़मीन पर दशकों से काबिज हैं लेकिन उनके पास कानूनी दस्तावेज़ नहीं थे। इस योजना के माध्यम से अब फरीदाबाद नगर निगम ने यह फैसला लिया है कि वह गांवों के लोगों को उनके लाल डोरा क्षेत्र में स्थित ज़मीन का मालिकाना हक प्रदान करेगा।

इसके लिए निगम की टीम गांव-गांव जाकर सर्वे कर रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योग्य लोगों को इस योजना का लाभ मिले। इससे न केवल गांवों में संपत्ति की कानूनी स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा। यह पहल हरियाणा में भूमि सुधार और ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

रजिस्ट्रेशन के लिए देना होगा सिर्फ ₹1

यह कदम फरीदाबाद नगर निगम द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण और जनहितकारी कदम है। स्वामित्व योजना के तहत अब गांव के लोगों को केवल ₹1 के शुल्क पर अपनी भूमि का मालिकाना हक प्रमाण पत्र मिलेगा। इसके लिए उन्हें पहले गांव के नंबरदार की रिपोर्ट पर भरोसा किया जाएगा, और इसी रिपोर्ट के आधार पर उनकी रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होगी।

इस प्रक्रिया के तहत, जिन लोगों के पास मकान और दुकान का कब्जा है, लेकिन उनके पास मालिकाना हक से संबंधित कोई कानूनी दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें अब कानूनी अधिकार मिल जाएगा। मार्च तक इन्हें स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, और इसके बाद इनकी ज़मीन और संपत्ति की रजिस्ट्री कलेक्टर रेट पर की जाएगी।

नगर निगम की टीम जा रही घर-घर

नगर निगम ने इस अभियान के लिए विभिन्न जोनों में टीमें गठित की हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को योजना के बारे में जागरूक कर रही हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताना है और उन्हें मालिकाना हक प्रमाण पत्र लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।

 कई लोग अपनी संपत्ति के कानूनी दस्तावेज़ों से अनजान होते हैं, इसलिए नगर निगम की टीमें उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि यह प्रमाण पत्र उनके लिए कितने फायदेमंद हो सकते हैं। इससे न केवल उनका मालिकाना हक कानूनी रूप से स्थापित होगा, बल्कि वे सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।

मालिकाना हक मिलने के बाद जमीन की खरीद-फरोख्त आसान

मालिकाना हक मिलने के बाद भूमि मालिकों के लिए कई फायदे होंगे, जो न केवल उनके लिए वित्तीय सुरक्षा का रास्ता खोलेंगे, बल्कि संपत्ति से संबंधित कई कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सरल बनाएंगे।

बैंक लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, क्योंकि अब लोगों के पास कानूनी दस्तावेज होंगे, जिनसे वे अपनी संपत्ति को गिरवी रख सकते हैं। इसके अलावा, जमीन की खरीद-फरोख्त भी सुगम हो जाएगी, क्योंकि मालिकाना हक प्रमाण पत्र मिलने के बाद संपत्ति को कानूनी रूप से बेचने या खरीदने की प्रक्रिया पारदर्शी और स्पष्ट हो जाएगी।

 कुछ ग्रामीणों ने इस प्रक्रिया के दौरान सर्वे को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका यह कहना है कि मालिकाना हक के दस्तावेज मिलने के बाद उन्हें हाउस टैक्स देना पड़ेगा। इस मुद्दे को लेकर निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 99.99 गज तक के खाली प्लॉट पर हाउस टैक्स लागू नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि छोटे प्लॉट पर रहने वालों को इस टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

गज के हिसाब से देना होता है हाउस टैक्स

हाउस टैक्स का निर्धारण गज के हिसाब से किया जाता है। फरीदाबाद नगर निगम में मकान के आकार के अनुसार गृहकर का भुगतान करना होता है। उदाहरण के तौर पर:

यदि किसी के पास 100 गज का ग्राउंड फ्लोर है, तो उसे सालाना 100 रुपये का हाउस टैक्स देना होगा।

इसी तरह, यदि ग्राउंड फ्लोर 150 गज पर है, तो वार्षिक गृहकर 150 रुपये होगा।