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PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, हरियाणा में ठगों ने किसानों की जमीन पर कराए नकली बीमे

PM Fasal Bima Yojana: हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़े फर्जीवाड़े का खुलाश हुआ है, दरअसल हरियाणा के गांव किरतान में किसानों की जमीन पर फर्जी फसल बीमा कराए गए है, आइए जानें विस्तार से...
 
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, हरियाणा में ठगों ने किसानों की जमीन पर कराए नकली बीमे
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TOP HARYANA: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ जरूरतमंद किसानों को मिलना चाहिए, लेकिन हरियाणा में इस योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, ठगों ने नकली दस्तावेजों की मदद से किसानों की जमीन पर अपने नाम से बीमा करा लिया है। इस घोटाले की शिकायत मिलने के बाद कृषि विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा

हरियाणा के गांव किरतान के 22 किसानों ने इस मामले में डिप्टी कमिश्नर (DC) को शपथ पत्र देकर जांच की मांग की है। किसानों का कहना है कि उन्होंने कभी फसल बीमा नहीं कराया। फिर भी उनकी जमीन पर चने की फसल का बीमा कराया गया है।

यह फर्जीवाड़ा उस समय सामने आया जब एक बीमा कंपनी के कर्मचारी ने गांव के किसान सूरजभान को फोन कर बताया कि उनकी फसल का बीमा किया गया है। इस पर सूरजभान ने आश्चर्य जताया और कहा कि उन्होंने कभी बीमा नहीं कराया। जब किसानों को शक हुआ तो उन्होंने अपने स्तर पर जांच की।

जांच में खुलासा हुआ कि गांव में 200 एकड़ से अधिक जमीन पर फर्जी तरीके से चने की फसल का बीमा करवाया गया है। किसानों ने तुरंत इस मामले की शिकायत कृषि विभाग और DC से की।

कैसे की गई ठगी

ठगों ने इस फर्जीवाड़े के लिए उन किसानों को निशाना बनाया, जिन्होंने कभी फसल बीमा नहीं कराया और न ही किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था। ऐसे किसानों का मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी कृषि विभाग के रिकॉर्ड में नहीं जुड़ी थी। इसी का फायदा उठाकर ठगों ने उनका रिकॉर्ड जुटाया और फर्जी दस्तावेजों के जरिए बीमा करा लिया।

किसानों का कहना है कि जिन जमीनों पर चने की फसल का बीमा कराया गया, वहां वास्तव में गेहूं और सरसों की फसल उगी हुई है। इससे साफ है कि ठगों ने बिना किसी असली खेती के बीमा कराया है, ताकि फसल खराब होने पर मुआवजा लिया जा सके।

बीमा कराने के पीछे ठगों की साजिश

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि चने का बीमा कराना ठगों की साजिश का हिस्सा है। क्योंकि अगर पूरे क्षेत्र में फसल का उत्पादन औसत से कम होता है, तो बीमा कंपनी किसानों को मुआवजा देती है।

हरियाणा में चने की फसल कम होती है, इसलिए ठगों को भरोसा था कि बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा मिलने की पूरी संभावना है। इसी वजह से उन्होंने चने की फसल का फर्जी बीमा कराया।

पहले भी हो चुका है ऐसा घोटाला

यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा में फसल बीमा योजना में गड़बड़ी हुई है। पिछले साल भिवानी जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां फर्जी तरीके से बीमा कराकर ठगों ने पैसा हड़प लिया था। इसके अलावा भावांतर भरपाई योजना में भी घोटाले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

किसानों की प्रतिक्रिया

गांव किरतान के किसानों ने इस घोटाले को लेकर नाराजगी जताई है। एक किसान ने कहा “मैं अपनी जमीन पर खुद खेती करता हूं और कभी बीमा नहीं कराया न ही कोई किसान क्रेडिट कार्ड लिया। जब गांव वालों से पता चला कि मेरी जमीन पर किसी और ने बीमा करा लिया है, तो मुझे झटका लगा। हमने DC को शिकायत दी है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।”

किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में गहराई से जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कृषि विभाग ने भी बीमा कंपनी को पत्र लिखकर इस घोटाले की पूरी जानकारी मांगी है और मामले की जांच शुरू कर दी है।