top haryana

Haryana news: PGI चंडीगढ़ ने बदली एडमिशन पॉलिसी, अब जरूरी होगा इन दोनों में पास होना

Haryana news: PGI चंडीगढ़ ने दाखिला नियमों में बदलाव किया है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 
एडमिशन पॉलिसी
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana news: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGI) चंडीगढ़ ने अपने एडमिशन नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव फैलोशिप और पोस्ट-डॉक्टोरल फैलोशिप कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर किया गया है।

अब तक जहां कुछ कोर्सों में सिर्फ इंटरव्यू या सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर एडमिशन होता था वहीं अब दोनों चरणों को अनिवार्य कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नई दिल्ली के पैटर्न पर आधारित है।

अब पहले देनी होगी लिखित परीक्षा

नई एडमिशन प्रक्रिया के अनुसार, छात्रों को सबसे पहले एक लिखित परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा कुल 60 मिनट की होगी जिसमें 60 सवाल पूछे जाएंगे। हर सवाल 1 नंबर का होगा, यानी परीक्षा कुल 60 अंकों की होगी।

इस परीक्षा में पास होने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 50% अंक यानी 30 नंबर लाना जरूरी होगा। यदि कोई छात्र इस परीक्षा में पास नहीं होता तो वह अगले चरण में नहीं जा सकेगा।

पास होने के बाद होगा विभागीय इंटरव्यू

लिखित परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों को विभागीय मूल्यांकन यानी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। यह इंटरव्यू भी एडमिशन प्रक्रिया का अहम हिस्सा होगा। PGI ने साफ किया है कि बिना इंटरव्यू में शामिल हुए कोई भी छात्र एडमिशन के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।

मेरिट ऐसे बनेगी

PGI प्रशासन का कहना है कि फाइनल मेरिट लिस्ट दोनों चरणों लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में मिले अंकों को जोड़कर बनाई जाएगी। यानी अगर कोई छात्र केवल एक चरण में अच्छा करता है और दूसरे में नहीं तो उसे दाखिला नहीं मिलेगा। दोनों ही चरणों में बेहतर प्रदर्शन करना अनिवार्य होगा।

नए नियम क्यों जरूरी हुए?

PGI का कहना है कि इस नई प्रक्रिया का मकसद चयन प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। इससे यह तय होगा कि उम्मीदवार को पूरी तरह से योग्यता के आधार पर एडमिशन मिले। AIIMS जैसी बड़ी संस्थाओं में पहले से यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है इसलिए PGI ने भी इसे अपनाने का फैसला लिया है।

छात्रों के लिए क्या है जरूरी?

इस नई व्यवस्था में दाखिला पाना अब पहले से थोड़ा चुनौतीपूर्ण जरूर होगा लेकिन यह छात्रों की योग्यता को सही तरीके से आंकने में मदद करेगा। छात्रों को दोनों चरणों की अच्छी तैयारी करनी होगी लिखित परीक्षा में कंसेप्ट क्लियर होने चाहिए और इंटरव्यू में आत्मविश्वास के साथ जवाब देना होगा।