Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी, तेल की असल कीमत कैसे होती है तय, जानें पूरी डीटैल

Top Haryana. New Delhi: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई घटकों से मिलकर बनती हैं, जिनमें कच्चे तेल की मूल कीमत, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कर, डीलर का कमीशन आदि शामिल हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Special Additional Excise Duty) में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का संरचना
कच्चे तेल की मूल कीमत
यह वह कीमत है जिस पर रिफाइनरी कच्चे तेल को खरीदती हैं और उसे पेट्रोल या डीजल में परिवर्तित करती हैं।
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केंद्र सरकार का टैक्स (एक्साइज ड्यूटी)
यह कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है। हाल ही में इसमें 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है, जिससे पेट्रोल पर यह टैक्स बढ़कर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर यह टैक्स दस रुपये प्रति लीटर के हिसाब से हो गया है।
राज्य सरकार का टैक्स (वैट)
यह कर राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाता है और इसकी दरें प्रत्येक राज्य में अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए दिल्ली में पेट्रोल पर वैट लगभग 19.4% है।
डीलर का कमीशन, यह वह राशि है जो पेट्रोल पंप मालिकों को दी जाती है।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत का उदाहरण
कच्चे तेल की मूल कीमत 55.46 रुपये है। फ्रेट (भाड़ा) 0.20 रुपये है। एक्साइज ड्यूटी 19.90 रुपये, डीलर कमीशन 3.77 रुपये, वैट (19.4%) 15.39 रुपये है। इस तरह तेल की कुल कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर बनती है।
टैक्स का योगदान
दिल्ली में पेट्रोल की कुल कीमत में से लगभग 35.29 रुपये करों के रूप में होते हैं, जिसमें 19.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 15.39 रुपये वैट शामिल हैं। यह कुल कीमत का लगभग 37% होता है।
नोट
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