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Pension Scheme: राज्य में इन लोगों की पेंशन में होगी 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी, जानें पूरी खबर 

Pension Scheme: प्रदेश में सरकार ने एक बड़ा फैसला सुनाया है जिसके तहत है अब इस राज्य के पेंशनधारकों की पेंशन  में 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी, आइए जानें विस्तार से...
 
राज्य में इन लोगों की पेंशन में होगी 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी, जानें पूरी खबर

TOP HARYANA: हरियाणा में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। इस फैसले के तहत हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन में 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। यह कदम भाजपा के संकल्प पत्र का हिस्सा था, जिसमें पार्टी ने इन सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ाने का वादा किया था। अब इस योजना को मंजूरी मिल गई है, और पेंशन राशि में यह वृद्धि तुरंत लागू हो जाएगी।

इस नए संशोधन के बाद हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों को मिलने वाली पेंशन राशि 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई है। यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है, जिससे हजारों सत्याग्रहियों को लाभ होगा। हालांकि पेंशन की राशि बढ़ाने के बावजूद योजना की पात्रता मानदंड और अन्य नियम व शर्तें पहले जैसे ही रहेंगे।

इस योजना का उद्देश्य उन व्यक्तियों को सम्मान और सहायता देना है जिन्होंने 1957 में हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने के लिए संघर्ष किया। इन सत्याग्रहियों ने अपनी मातृभाषा की रक्षा के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया था, और अब सरकार उनके योगदान को मान्यता दे रही है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस कदम को ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा ही उन लोगों के हक में फैसले लेती है जिन्होंने देश की संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस पेंशन योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों को पेंशन में वृद्धि से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और यह उनकी संघर्षों के प्रति सरकार की कृतज्ञता का प्रतीक है।

यह कदम उन लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो अब तक केवल 15 हजार रुपये की पेंशन पा रहे थे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पेंशन बढ़ाने से इन सत्याग्रहियों की अन्य सुविधाओं और लाभों में कोई बदलाव नहीं होगा। सभी लाभार्थी वही लाभ उठाएंगे जो पहले उन्हें मिल रहे थे।

इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने 1957 में हिंदी भाषा को लेकर चलाए गए सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया था। इस आंदोलन ने हिंदी को भारतीय गणराज्य की एक प्रमुख भाषा के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि इस प्रकार के निर्णयों से भविष्य में भी समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई जाएंगी, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके और उन्हें सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ मिल सके।