Pension News: राज्य में इन लोगों को सरकार ने दी बड़ी छूट, पेंशन के मिलेंगे इतने रुपये

TOP HARYANA: राज्य सरकार ने हीमोफीलिया और थैलीसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए पेंशन योजना में बड़ा बदलाव किया है। इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए पेंशन प्राप्त करने की आयु सीमा 18 वर्ष थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। अब इन दोनों बीमारियों से प्रभावित सभी लोग, चाहे उनकी उम्र कोई भी हो, हर महीने 3 हजार रुपये पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे। यह पेंशन अन्य किसी पेंशन के अलावा दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने 18 अक्टूबर 2024 से किडनी रोगियों के लिए मुफ्त डायलिसिस की सेवाएं शुरू कर दी हैं। इस पहल से अब तक करीब 20 हजार लोग लाभ उठा चुके हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किडनी रोगियों के लिए राहत का काम कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने 7 दिसंबर 2024 को “टीबी उन्मूलन अभियान” की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य दिसंबर 2025 तक राज्य को टीबी से मुक्त बनाना है। इस अभियान पर तेजी से काम चल रहा है, और सरकार को पूरा विश्वास है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर यह लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा
स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों का होगा निर्माण
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में कई स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों के निर्माण की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नारनौल में 6.57 करोड़ रुपये की लागत से एक ट्रॉमा सेंटर बनाया गया है, वहीं रेवाड़ी के बोहतवास अहीर में 6.80 करोड़ रुपये की लागत से एक पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) का निर्माण किया गया है।
इसके अलावा 83 उप-स्वास्थ्य केंद्र और 22 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट की मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल लागत 57 करोड़ रुपये है। कुरुक्षेत्र के सरस्वती खेड़ा भट्ट माजरा गांव में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल 19.76 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि करनाल जिले के असंध में 76.20 करोड़ रुपये की लागत से एक 100 बैड वाला सब-डिविजनल सिविल हॉस्पिटल बनेगा, जिसकी आधारशिला हाल ही में रखी गई है।
स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए जल्द ही पंचकूला के सिविल अस्पताल में पैथोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा और अस्पताल प्रशासन में डीएनबी (DNB) डिग्री कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का निवास होता है”, और इसलिए राज्य सरकार अपने लोगों को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।