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Ordnance Factories Day 2025: आयुध निर्माण दिवस कब और किस प्रकार मनाया जाता है, जानें इसका  इतिहास

Ordnance Factories Day 2025: भारत का आयुध फैक्ट्री बोर्ड दुनिया का 37वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण निर्माता है, हर साल 18 मार्च को आयुध निर्माण दिवस मनाया जाता है।

 
Ordnance Factories Day 2025: आयुध निर्माण दिवस कब और किस प्रकार मनाया जाता है, जानें इसका इतिहास
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Top Haryana, New Delhi: देश के सैनिकों के हाथों में जो हथियार होते है, वे कहां बनते है और कैसे भारत अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत बनाए रखता है, आयुध निर्माणी दिवस (Ordnance Factories Day 2025) इन्हीं सवालों का जवाब देता है, देश में हर साल 18 मार्च को मनाया जाने वाला यह विशेष दिन भारतीय आयुध निर्माणियों के योगदान का सम्मान करता है।

इस दिन का महत्व सिर्फ एक तिथि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन प्रणाली की शक्ति और गौरव को दर्शाता है, 1801 में कोलकाता के काशीपुर में स्थापित पहली आयुध फैक्ट्री से लेकर आज के अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों के निर्माण तक, भारत की आयुध निर्माणियां टैंकों, छोटे हथियारों और मिसाइलों जैसी रक्षा सामग्रियों के उत्पादन में अहम भूमिका निभा रही है।

आयुध निर्माण दिवस  

भारत का आयुध फैक्ट्री बोर्ड (OFB) दुनिया का 37वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण निर्माता है, जिसको सम्मानित करने के लिए देश में हर साल आयुध कारखाना दिवस (Ordnance Factories Day 2025) मनाया जाता है और इस बोर्ड को भारत में रक्षा की चौथी शाखा के रूप में भी काफी जाना जाता है।

आयुध फैक्टरी दिवस 1801 में भारत में पहली आयुध फैक्टरी की स्थापना की याद दिलाता है, यह भारत के आयुध फैक्टरी बोर्ड की उपलब्धियों और पिछले कुछ सालों में इसके विकास पर भी प्रकाश डालता है।

आयुध निर्माण दिवस का इतिहास  

भारत में आयुध निर्माण दिवस (Ordnance Factories Day 2025) हर साल 18 मार्च को उस ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, इस दिन देश की पहली आयुध फैक्ट्री स्थापित की गई थी, यह दिन भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड जो भारत के रक्षा उत्पादन को मैनेज करता था, 1979 में स्थापित किया गया था।

  • 1775 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ब्रिटिश भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोलकाता ईशापुर में एक गन पाउडर फैक्ट्री की स्थापना की।

  • 1801 में ब्रिटिश सरकार ने इसे अपने प्रत्यक्ष नियंत्रण में लेकर कोलकाता के काशीपुर में भारत की पहली आयुध फैक्ट्री के रूप में विकसित किया।

आयुध निर्माण दिवस (Ordnance Factories Day 2025) पहली बार 18 मार्च 1801 में मनाया गया, कोलकाता के काशीपुर में स्थित भारत की पहली आयुध फैक्ट्री की स्थापना का प्रतीक है, यह दिन बंदूकों और गोला-बारूद की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए देश की आयुध कारखानों की रिसर्च और उत्पादन को प्रदर्शित करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है।

आयुध निर्माण दिवस का महत्व

यह दिन (Ordnance Factories Day 2025) भारत की आयुध निर्माणियों के योगदान को मान्यता देता है, जो छोटे हथियारों, टैंक और मिसाइल प्रणालियों सहित कई रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

आयुध कारखाने भारतीय रक्षा ढांचे का अभिन्न हिस्सा हैं और देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते है। ये कारखाने देशभर में हजारों लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देते है।