New Expressway: इस राज्य में बन रहें है ये नए एक्सप्रेसवे, लोगों का होगा फायदा, जमीनों के रेट होंगे दोगुने

Top Haryana: राजस्थान सरकार ने प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात दी है। हाल ही में पेश किए गए बजट में सरकार ने राज्य में 9 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का ऐलान किया है।
इन एक्सप्रेसवे के बनने से राजस्थान के कई जिलों को सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे न सिर्फ यात्रा में समय की बचत होगी बल्कि व्यापार, परिवहन और कृषि क्षेत्र को भी फायदा पहुंचेगा।
कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे
इन 9 एक्सप्रेसवे में कोटपूतली से किशनगढ़ तक बनने वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे सबसे छोटा होगा, जिसकी लंबाई 181 किलोमीटर होगी। यह एक्सप्रेसवे कोटपूतली के पास एनएच-148बी से शुरू होकर किशनगढ़ के एनएच-48 और एनएच-448 तक जाएगा।
फिलहाल कोटपूतली से किशनगढ़ की दूरी लगभग 225 किलोमीटर है जिसे तय करने में 5 घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी महज 2 घंटे में तय की जा सकेगी।
इन जिलों को मिलेगा सीधा फायदा
इस एक्सप्रेसवे के बनने से जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर, नीमकाथाना, खाटू, खंडेला, कुचामन, नांवा, मकराना, रूपनगढ़, पलसाना और चाला जैसे क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा।
खासतौर से किशनगढ़ की मशहूर मार्बल मंडी को एक्सप्रेसवे के जरिए देशभर से अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी जिससे मार्बल व्यापार को नई ऊंचाई मिलेगी।
ट्रांसपोर्ट खर्च में कटौती और समय की बचत
एक्सप्रेसवे के निर्माण से ट्रांसपोर्ट लागत में कमी आएगी और माल ढुलाई में समय की बचत होगी। इससे व्यापारियों को फायदा होगा और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा किसान भी इससे लाभान्वित होंगे क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में कम समय लगेगा और बेहतर दाम मिल सकेंगे।
भूमि अधिग्रहण और लागत
इस परियोजना को पूरा करने के लिए सरकार 1 हजार 679 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगी। इसमें अधिकांश जमीन किसानों की होगी। इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 6 हजार 906 करोड़ रुपये बताई जा रही है। एक्सप्रेसवे के बनने से इस इलाके में जमीन के दाम भी बढ़ेंगे जिससे स्थानीय लोगों की संपत्ति का मूल्य भी बढ़ेगा।
राज्य में बढ़ेगी कनेक्टिविटी
राजस्थान सरकार लगातार सड़कों, हाईवे और एक्सप्रेसवे का जाल बिछा रही है ताकि प्रदेश में कनेक्टिविटी मजबूत हो। ये 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। इससे छोटे शहरों और कस्बों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा।