New Expressway: देश के छह राज्यों से होकर गुजरेगा नया एक्सप्रेसवे, यात्रा होगी आसान, इन लोगों को होगा बड़ा फायदा

Top Haryana: देश में सड़कों का नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। अब लोगों की यात्रा और ट्रांसपोर्ट की सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए एक और बड़ा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद अब देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे सूरत से चेन्नई तक बनाया जा रहा है। यह नया एक्सप्रेसवे देश के छह राज्यों से होकर गुजरेगा और व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए रास्ते खोलेगा।
1 हजार 271 किलोमीटर लंबा होगा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे कुल 1हजार 271 किलोमीटर लंबा होगा और यह गुजरात के सूरत शहर से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई को जोड़ेगा। अभी इन दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 1हजार 600 किलोमीटर है, जिसे यह एक्सप्रेसवे घटाकर 1 हजार 270 किलोमीटर कर देगा। अभी यह सफर करने में करीब 36 घंटे लगते हैं लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह समय घटकर 18 घंटे रह जाएगा। यानी यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा।
तेजी से हो रहा है निर्माण, दिसंबर 2025 तक होगा पूरा
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है। इसकी अनुमानित लागत करीब 50 हजार करोड़ रुपये है। अभी इसका निर्माण चार लेन में किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसे 6 लेन या 8 लेन में भी बदला जा सकता है। एक्सप्रेसवे की गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है।
कौन-कौन से राज्य होंगे जुड़ाव में शामिल
यह एक्सप्रेसवे भारत के 6 राज्यों से होकर गुजरेगा। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं। इसके साथ ही यह एक्सप्रेसवे तिरुपति, कडपा, कुर्नूल, कलबुर्गी, सोलापुर, अहमदनगर और नासिक जैसे बड़े शहरों को भी जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और मजबूत होगा।
व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह नया एक्सप्रेसवे सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि इससे जुड़े राज्यों में व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। खासकर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों के कुछ हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। पर्यटक स्थलों तक पहुंच आसान होने से स्थानीय पर्यटन को भी बल मिलेगा।
उद्घाटन और लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में भारतमाला परियोजना के तहत इस सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इस भव्य परियोजना को दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बन जाने के बाद यह एक्सप्रेसवे देश के दक्षिणी हिस्से को सीधे पश्चिमी हिस्से से जोड़ने का काम करेगा।