New Expressway: 22 जिलों की किस्मत बदलेगा नया 700 KM लंबा एक्सप्रेसवे, लोगों को होगा बड़ा फायदा

Top Haryana: देश में एक्सप्रेसवे और हाईवे से विकास को नई रफ्तार मिल रही है। अब उत्तर प्रदेश में एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो गोरखपुर से शामली तक बनेगा। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 700 किलोमीटर होगी और इसका काम साल 2025 के अंत तक शुरू हो सकता है।
यह एक्सप्रेसवे यूपी के 22 जिलों को जोड़ेगा और हरियाणा, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल तक सफर को आसान बना देगा। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि व्यापार और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।
कहां-कहां से गुजरेगा ये एक्सप्रेसवे?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के जिन 22 जिलों से होकर गुजरेगा, वे हैं गोरखपुर, संत कबीर नगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली।
इस एक्सप्रेसवे से अंबाला और देहरादून जैसी जगहों से भी कनेक्टिविटी मिलेगी। शामली जिले के गोगवान जलालपुर से इसकी शुरुआत होगी, जो दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और अंबाला-शामली कॉरिडोर से भी जुड़ेगा।
लागत और समय
इस एक्सप्रेसवे पर करीब 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। यह गंगा एक्सप्रेसवे से भी लंबा होगा, जो अभी तक राज्य का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे माना जाता है। फिलहाल गोरखपुर से शामली की दूरी तय करने में करीब 15 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह सफर घटकर सिर्फ 8 घंटे का रह जाएगा।
खासियत
- यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल होगा यानी इसमें बिना रुकावट के यात्रा हो सकेगी।
- रास्ते में हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी ताकि आपात स्थिति में सेना या अन्य विमानों की लैंडिंग कराई जा सके।
- इसके किनारे ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा यानी सड़कों के किनारे हजारों पेड़ लगाए जाएंगे जिससे पर्यावरण को संतुलन मिलेगा।
व्यापार और कनेक्टिविटी में फायदा
इस एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच तेज कनेक्शन होगा। साथ ही यह बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब से भी जोड़ देगा। इसका असर व्यापार और पर्यटन पर भी पड़ेगा। नेपाल और चीन के रास्ते एक नया कॉरिडोर भी बनने वाला है जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।