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Haryana weather: हरियाणा में एक बार फिर सक्रिय हुआ मानसून, 15 अगस्त तक झमाझम बारिश के आसार

Haryana weather: हरियाणा में मानसून ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है, आइए जानें कहां होगी झमाझम बारिश...
 
हरियाणा में एक बार फिर सक्रिय हुआ मानसून, 15 अगस्त तक झमाझम बारिश के आसार
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Top Haryana: हरियाणा में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। बीते कुछ दिनों से मानसून की हवाएं हिमालय की तलहटी की ओर खिसक गई थीं, जिससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियां कम हो गई थीं।

लेकिन अब ये हवाएं फिर से हरियाणा की ओर लौट रही हैं। मौसम विभाग ने 15 अगस्त तक प्रदेश के अधिकतर जिलों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। खासकर उत्तरी हरियाणा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

आज इन जिलों में हो रही है बारिश

12 अगस्त की सुबह से ही अंबाला, कैथल, पानीपत, यमुनानगर और फरीदाबाद में बारिश का दौर शुरू हो चुका है। वहीं, करनाल, सोनीपत, जींद, पलवल और चरखी दादरी में भी रुक-रुक कर बूंदाबांदी हो रही है।

चंडीगढ़ स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने दोपहर 12 बजे तक के लिए कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और पानीपत के कुछ क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हिसार, सिरसा, रोहतक और सोनीपत के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी जिलों में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।

13 अगस्त को कहां कितनी बारिश होगी

13 अगस्त को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर और करनाल में 50 से 75 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल में 25 से 50 प्रतिशत तक बारिश होने की संभावना है। जींद, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में 0 से 25 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है।

14 और 15 अगस्त को भी बारिश के आसार

मौसम विभाग का कहना है कि 14 और 15 अगस्त को भी हरियाणा के अधिकांश जिलों में बारिश जारी रहेगी। हालांकि कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन कई जगहों पर अच्छी बारिश होने की पूरी उम्मीद है।

किसानों के लिए राहत की खबर

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि यह बारिश किसानों के लिए लाभदायक साबित होगी। इससे खरीफ की फसलों को पानी मिलेगा और फसल की बढ़वार अच्छी होगी।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के साथ-साथ कीटों का प्रकोप बढ़ने की आशंका भी रहती है, इसलिए किसानों को अपनी फसलों की निगरानी करते रहना चाहिए।