Mandi Adampur News: घपलेबाजी का पहला अड्डा बना मंडी आदमपुर का प्रशासन, करोड़ों रुपयों का है मामला
Top Haryana News: बीते दो सालों से मंडी आदमपुर में जारी विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन फिर भी PWD विभाग पर काम की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि विभाग द्वारा खुलेआम लापरवाही की जा रही है, जिसके चलते करोड़ों रुपये के कार्यों का सही परिणाम धरातल पर नजर नहीं आ रहा।
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मंडी आदमपुर में संचालित हो रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज लाइनिंग के निर्माण कार्य पर खास तौर पर स्थानीय लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं।
इस मामले पर मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था:
“मंडी आदमपुर में पानी का स्तर ऊपर आता है, इसलिए यहां बन रहे सीवरेज पाइपलाइन और सिवरेज के होद RCC से बनाए जा रहे हैं।”
इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा कि—
“मंडी आदमपुर में सिवरेज के होद पर तो सही से प्लास्टर भी नहीं हो रहा, ऐसे में RCC स्ट्रक्चर कैसे संभव होगा?”
इस पर मंत्री गंगवा ने जवाब दिया—
“मैं चलने के लिए तैयार हूँ। यह सब बोलना आसान है, आप मुझे मौके पर दिखाएं या फिर कोई फोटो-वीडियो भेजें।”
जमीनी हकीकत: ईंटों से बने सिवरेज होद और खराब प्लास्टर
मंत्री के इस बयान के बाद जब पिछले दिनों शहर में सीवरेज को दूसरे सिवरेज से जोड़ने का कार्य शुरू हुआ, तब सिनेमा हॉल के सामने बने एक सिवरेज होद के पास खुदाई की गई। खुदाई के बाद सामने आया कि—
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होद सिर्फ ईंटों से बनाया गया है,
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बाहरी हिस्से पर सही तरीके से प्लास्टर तक नहीं किया गया,
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मजबूती के नाम पर कोई RCC संरचना दिखाई नहीं दी।
जैसा कि सामने आई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है, इन सिवरेज होदों पर प्लास्टर की गुणवत्ता बेहद कमजोर है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी निर्माण गुणवत्ता के कारण—
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सीवरेज के रिसाव की आशंका बढ़ जाती है
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रिसाव होने पर नई बनी सड़कें जल्दी टूट सकती हैं
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बार-बार मरम्मत से करोड़ों रुपये फिर से खर्च होने का डर है
मंत्री द्वारा किए गए RCC निर्माण के दावों के विपरीत जमीन पर जिस तरह का निर्माण दिखाई दे रहा है, उससे लोगों में भारी नाराज़गी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी काम की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है और विभागीय निगरानी पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।
एंटी करप्शन टीम और विधानसभा कमेटी पहले भी कर चुकी है जांच
आपको यह भी बता दें कि मंडी आदमपुर में इससे पहले भी Anti-Corruption Bureau (ACB) की टीम और विधानसभा कमेटी जांच के लिए पहुंच चुकी है।
विधानसभा कमेटी की अगुवाई अध्यक्ष कृष्ण लाल मिद्धा ने की थी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा था कि—
“जिस भी स्तर पर गड़बड़ी मिलेगी, कार्रवाई सभी पर होगी।”
कमेटी की इस टिप्पणी के बाद स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी थी कि निर्माण कार्यों में हो रही लापरवाही पर सख्त कदम उठाए जाएंगे, लेकिन फिलहाल तक कोई ठोस सुधार जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा।
लोगों का कहना है कि बार-बार जांच के बावजूद भी
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निर्माण गुणवत्ता में सुधार नहीं,
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विभागीय निगरानी कमजोर,
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और करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अधूरे व कमजोर निर्माण,
जैसे सवाल जस के तस बने हुए हैं।
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