Haryana news: हरियाणा में जन्म प्रमाण-पत्र बनाना हुआ आसान, अब मिनटों में होगा तैयार

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है जिससे अब नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाने के लिए किसी ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब यह प्रमाण पत्र सीधे अस्पताल से छुट्टी के समय ही परिजनों को दे दिया जाएगा। यह सुविधा राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में लागू की गई है।
अब क्या होगा नया?
बच्चे के जन्म के तुरंत बाद जब मां और बच्चा अस्पताल से छुट्टी लेंगे, उसी समय बच्चे को आधार नंबर और जन्म प्रमाण पत्र भी मिल जाएगा। इससे पहले तक सिर्फ आधार नंबर बनाया जाता था लेकिन अब जन्म प्रमाण पत्र भी वहीं मिल जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की इस नई व्यवस्था से परिजनों को राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब बच्चे के जन्म से संबंधित सभी जरूरी कागजात अस्पताल में ही तैयार कर दिए जाएंगे।
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पहले क्या होता था?
पहले सिर्फ नवजात शिशुओं का आधार नंबर जनरेट किया जाता था। जन्म प्रमाण पत्र के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता था। उस समय बच्चे के नाम की जगह खाली छोड़ दी जाती थी ताकि बाद में नामकरण के बाद उसमें नाम जोड़ा जा सके। इसके अलावा जन्म के 21 दिन के भीतर प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी होता था, नहीं तो देर होने पर अतिरिक्त दस्तावेज और प्रक्रिया की जरूरत पड़ती थी।
अब पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
सरकार ने यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। सरकारी अस्पतालों और प्रसव केंद्रों में जन्म के समय ही शिशु का डेटा एक टैबलेट के माध्यम से ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को टैबलेट्स उपलब्ध करवा दिए गए हैं।
ये टैबलेट्स नागरिक अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और उन संस्थाओं को भी दिए जा रहे हैं, जहां डिलीवरी होती है। इससे जन्म के साथ ही बच्चे की जानकारी डिजिटल रूप में दर्ज हो जाएगी और जन्म प्रमाण पत्र तुरंत बन जाएगा।
इससे क्या फायदा होगा?
इस सुविधा से लोगों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अस्पताल से छुट्टी के समय ही उन्हें सारे जरूरी दस्तावेज मिल जाएंगे। आधार और जन्म प्रमाण पत्र दोनों एक साथ मिलने से बच्चे के अन्य जरूरी दस्तावेज बनवाना भी आसान हो जाएगा।
सरकार का उद्देश्य है कि हर नवजात का रिकॉर्ड तुरंत डिजिटल रूप से दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में किसी भी सरकारी सेवा के लिए दस्तावेज की जरूरत पड़े तो उसे आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।
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