Latest Punjab News: तहसीलदार की सुपरफास्ट स्पीड से सरकार हैरान, 45 KM की दूरी 4 मिनट में पूरी करने पर सस्पेंड
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Latest Punjab News: तहसीलदार की सुपरफास्ट स्पीड से सरकार हैरान, 45 KM की दूरी 4 मिनट में पूरी करने पर सस्पेंड

Latest Punjab News: पंजाब के लुधियाना में एक तहसीलदार की अनोखी “सुपरफास्ट” स्पीड सरकार के लिए सिरदर्द बन गई। तहसीलदार रणजीत सिंह, जो लुधियाना पूर्वी तहसील में कार्यरत थे, उन्हें सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
 
तहसीलदार की सुपरफास्ट स्पीड से सरकार हैरान, 45 KM की दूरी 4 मिनट में पूरी करने पर सस्पेंड
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TOP HARYANA: रणजीत सिंह ने 17 जनवरी को लुधियाना में बैठकर जगरांव की 6 विवादित रजिस्ट्रियां कीं। रिकॉर्ड के अनुसार, ये रजिस्ट्रियां उन्होंने सुबह 5:05 से 5:12 के बीच करवाईं और फिर 5:16 पर लुधियाना में एक और रजिस्ट्री कर दी।

इसका मतलब ये हुआ कि उन्होंने लुधियाना से जगरांव (45 किमी की दूरी) मात्र 4 मिनट में तय कर ली। यह दूरी इतनी तेज कारें भी तय नहीं कर सकतीं। इस गड़बड़ी को देखते हुए सरकार ने जांच की और पाया कि रणजीत सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग किया है।

सस्पेंशन के आदेश जारी

इस अनियमितता के चलते सरकार ने तहसीलदार रणजीत सिंह को तुरंत सस्पेंड कर दिया। उन्हें अब पठानकोट के धारकलां तहसील में ट्रांसफर कर दिया गया है, जहां उन्हें हर दिन एसडीएम ऑफिस में हाजिरी लगानी होगी और डीसी पठानकोट को रिपोर्ट भेजनी होगी।

रिटायरमेंट से पहले बड़ा झटका

रणजीत सिंह इसी महीने 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे, लेकिन सस्पेंशन के कारण अब उन्हें सरकारी सुविधाएं तब तक नहीं मिलेंगी जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती। विजिलेंस विभाग भी उनकी शिकायतों की जांच कर रहा है, और अगर वे दोषी पाए गए तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

कौन-कौन फंसा

इस मामले में सिर्फ तहसीलदार ही नहीं, बल्कि रजिस्ट्रियों की जांच करने वाले आरसी (रजिस्ट्रार क्लर्क) मनप्रीत सिंह भी जांच के घेरे में हैं। उन्होंने बिना देखे ही सभी दस्तावेजों पर मोहर लगा दी थी। अब विजिलेंस टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है और जल्द ही रजिस्ट्रियां लिखने वाले डीड राइटर पर भी कार्रवाई हो सकती है।

तहसीलदार का क्या कहना है

रणजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने लुधियाना में बैठकर रजिस्ट्रियां की थीं, लेकिन इसके बदले कोई रिश्वत नहीं ली। वे कहते हैं कि अगर कोई लेन-देन हुआ है तो इसके लिए आरसी मनप्रीत सिंह जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने ही सभी दस्तावेजों को चेक किया और उन पर हस्ताक्षर किए थे।अब सरकार इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।