Haryana news: हरियाणा के इस जिले में लगेगा देश का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, जानें कब होगा शुरू

Top Haryana: इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पानीपत रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में 10 हजार टन प्रति वर्ष की क्षमता वाला ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र लगाने की घोषणा की है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट होगा।
कंपनी ने 30 मई को बताया कि इस परियोजना के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की लागत (लेवलाइज्ड कॉस्ट ऑफ हाइड्रोजन - LCOH) तय कर ली गई है। इस प्लांट का उद्घाटन दिसंबर 2027 तक करने का लक्ष्य है। जब यह संयंत्र शुरू होगा तो रिफाइनरी में फिलहाल इस्तेमाल हो रहे जीवाश्म ईंधन से बने हाइड्रोजन की जगह ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग किया जाएगा। इससे कार्बन उत्सर्जन यानी प्रदूषण में काफी कमी आने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें- Haryana news: हरियाणा के इस रेलवे स्टेशन को मिलेंगी हाईटेक सुविधाएं, आदेश जारी
चेयरमैन ने दी जानकारी
इंडियन ऑयल के चेयरमैन अरविंदर सिंह साहनी ने बताया कि यह ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट अब सक्रिय रूप से प्रक्रिया में है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2025 के दौरान डावोस (स्विट्जरलैंड) में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा "हमें इस परियोजना के लिए अच्छी कंपनियों से निविदाएं (बोली) मिली हैं। टेंडर की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है और एक महीने के अंदर काम का आदेश दे दिया जाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि दो साल के भीतर यह संयंत्र चालू हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा है और इंडियन ऑयल की ‘नेट जीरो’ रणनीति का एक अहम कदम है। इसका उद्देश्य भविष्य में पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा की ओर बढ़ना है।
ग्रीन हाइड्रोजन से होगा बड़ा फायदा
ग्रीन हाइड्रोजन को परंपरागत हाइड्रोजन की तुलना में अधिक स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी माना जाता है। इसे पानी और नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सोलर या पवन ऊर्जा) के जरिए तैयार किया जाता है। इसमें किसी भी तरह की ग्रीनहाउस गैसें नहीं निकलतीं, जिससे प्रदूषण न के बराबर होता है।
यह भी पढ़ें- PM Kisan Yojana: इस तारीख को खातों में आएगी 20वीं किस्त, पहले कर लें ये जरूरी काम