Haryana news: हरियाणा के जींद में दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, तैयारियां अंतिम स्टेज में

Top Haryana: भारत अब आधुनिक रेलवे तकनीक की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जल्द ही हरियाणा के जींद जिले में देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पटरी पर दौड़ती नजर आएगी।
यह ट्रेन जींद-गोहाना-सोनीपत रूट पर चलाई जाएगी और भारत हाइड्रोजन ट्रेन चलाने वाला दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा। इससे पहले जर्मनी, चीन, फ्रांस और जापान में ऐसी ट्रेनें पहले ही शुरू की जा चुकी हैं।
देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन कैसी होगी?
यह हाइड्रोजन ट्रेन न केवल भारत की पहली बल्कि दुनिया की सबसे लंबी और शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन में से एक होगी। इसमें कुल 8 कोच होंगे और यह एक बार में 2 हजार 638 यात्रियों को सफर करवा सकेगी।
ट्रेन की रफ्तार 110 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। सबसे खास बात यह है कि यह ट्रेन फ्यूल सेल तकनीक पर काम करेगी, जिससे इसमें से सिर्फ पानी और भाप निकलेगा, प्रदूषण फैलाने वाली कार्बन गैस नहीं।
पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें ट्रेन के सुंदर डिज़ाइन और उसकी पर्यावरण के अनुकूल तकनीक को दिखाया गया है।
हाइड्रोजन ट्रेनें डीजल या कोयले से चलने वाली ट्रेनों की तुलना में कहीं ज्यादा साफ-सुथरी और पर्यावरण के लिए बेहतर होती हैं। इस तकनीक से रेलवे को प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी।
लागत और उत्पादन की जानकारी
रेलवे की योजना है कि इस तकनीक पर 35 और हाइड्रोजन ट्रेनें चलाई जाएं। एक ट्रेन की अनुमानित लागत करीब 80 करोड़ रुपये है, जबकि ट्रैक और अन्य ढांचे के विकास पर 70 करोड़ रुपये तक खर्च आने की संभावना है।
इस ट्रेन को ईंधन देने के लिए जींद में एक मेगावाट क्षमता वाला पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन (PEM) प्लांट बनाया जा रहा है। यहां से रोजाना 430 किलो हाइड्रोजन का उत्पादन होगा।
जींद स्टेशन पर स्टोरेज और निर्माण की जानकारी
हाइड्रोजन को सुरक्षित रखने के लिए जींद रेलवे स्टेशन पर 3 हजार किलो हाइड्रोजन स्टोर करने की सुविधा विकसित की जा रही है। इस पूरी परियोजना का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल करते हुए देश में रेल यात्रा को और आधुनिक बनाना है।