Haryana news: हरियाणा के इस जिले में ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, यहां बनेगा सबसे छोटा ओवरब्रिज

Top Haryana: हरियाणा के हिसार जिले के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। शहर के साउथ बाइपास पर सातरोड गांव के पास बन रहा सबसे छोटा ओवरब्रिज अब लगभग तैयार हो चुका है और यह अगले एक महीने में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इस ओवरब्रिज के बनते ही दिल्ली रोड पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा।
ओवरब्रिज की खासियत
यह ओवरब्रिज शहर का सबसे छोटा ओवरब्रिज होगा जिसकी लंबाई सिर्फ 35 मीटर है। इसकी तुलना में करीब तीन साल पहले बने कैमरी फाटक ओवरब्रिज की लंबाई 40 मीटर थी।
इस ओवरब्रिज की चौड़ाई 11 मीटर रखी गई है। इसे रेलवे लाइन संख्या 88 के ऊपर बनाया जा रहा है। 33 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा यह प्रोजेक्ट अब अंतिम चरण में पहुंच गया है।
गार्डर रखने का काम शुरू
मंगलवार को शाम छह बजे रेलवे और बीएंडआर विभाग के अधिकारी व इंजीनियरों की मौजूदगी में ओवरब्रिज के लिए गार्डर रखने का काम शुरू कर दिया जाएगा। कुल छह गार्डर रखे जाएंगे, जिनमें से हर एक गार्डर 23 टन वजनी और 30 मीटर लंबा है।
इसके लिए 300-300 टन उठाने की क्षमता वाली दो बड़ी क्रेनें मंगवाई गई हैं। मंगलवार सुबह 10 बजे से रेलवे फाटक को बंद कर दिया जाएगा ताकि गार्डर का काम बिना किसी बाधा के किया जा सके।
काम 31 अगस्त तक होगा पूरा
जानकारी के अनुसार ओवरब्रिज का निर्माण कार्य 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। पहले गार्डर डिजाइन को लेकर रेलवे विभाग की ओर से देरी हुई जिसके कारण बीएंडआर विभाग चार बार डेडलाइन पार कर चुका है। गार्डर रखने के बाद स्लैब कास्टिंग की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद उसे सूखने में करीब 25 दिन का समय लगेगा।
ट्रेन की स्पीड घटाई गई
ओवरब्रिज निर्माण के चलते रेलवे ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उस रूट पर चलने वाली ट्रेनों की गति घटाकर 30 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी है। रेलवे फाटक पर चेतावनी बोर्ड भी लगा दिए गए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति सतर्क रहे और किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।
इन गांवों और कॉलोनियों को मिलेगा फायदा
इस ओवरब्रिज के बन जाने से कैमरी, मंगाली, गंगवा, बालसमंद, मुकलान, सिवानी, चौधरीवास गांवों और कैमरी रोड तथा आजाद नगर रोड की कॉलोनियों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
वे साउथ बाइपास के रास्ते सीधे दिल्ली रोड पर सातरोड गांव के पास पहुंच सकेंगे। इससे ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा और समय की बचत होगी।