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Haryana news: हरियाणा में आयुष्मान कार्ड पर नहीं इन 5 बीमारियों का मिलेगा इलाज, लोगों को होगी परेशानी

Haryana news: हरियाणा के अस्पतालों में अब इन बीमारियों का इलाज आयुष्मान कार्ड पर नहीं होगा, आइए जानें इसके पीछे का कारण...
 
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Top Haryana: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है। अब राज्य के प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों को कुछ खास बीमारियों का इलाज नहीं मिल पाएगा। सरकार ने आयुष्मान कार्ड पर इन पांच बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन प्राइवेट अस्पतालों में बंद कर दिया है।

इन बीमारियों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन, बच्चेदानी का ऑपरेशन (गर्भाशय हटाने की सर्जरी), पित्त की थैली का दूरबीन से ऑपरेशन (लेप्रोस्कोपिक सर्जरी), उल्टी-दस्त (डायरिया व अन्य गैस्ट्रो समस्याएं) और दमा और सांस की बीमारी शामिल हैं। अब इन बीमारियों का इलाज आयुष्मान कार्ड धारकों को सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही मिलेगा। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि कई बार सरकारी अस्पतालों में इलाज में देरी होती है या सुविधाएं पूरी नहीं होतीं।

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इस फैसले के पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि सरकार समय पर प्राइवेट अस्पतालों को इलाज का भुगतान नहीं कर पा रही थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने भुगतान की प्रक्रिया को सुधारने की बजाय इन सामान्य और ज्यादा होने वाली बीमारियों का इलाज ही बंद कर दिया।

IMA का यह भी कहना है कि जिन बीमारियों का इलाज बंद किया गया है वे बहुत ही आम हैं और रोजाना बड़ी संख्या में मरीज इनका इलाज कराने आते हैं। ऐसे में इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों तक सीमित कर देने से लोगों की दिक्कतें बढ़ेंगी।

हरियाणा के कई जिलों में मरीजों को पहले ही सरकारी अस्पतालों में लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब जब ये पांच आम बीमारियां भी सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही इलाज के दायरे में होंगी तो मरीजों की परेशानी और बढ़ सकती है। इस फैसले से खास तौर पर गरीब और ग्रामीण इलाकों के लोग ज्यादा प्रभावित होंगे जो आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की उम्मीद रखते हैं।

IMA और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वह इस फैसले पर दोबारा विचार करे और प्राइवेट अस्पतालों को समय पर भुगतान कर व्यवस्था को फिर से पहले जैसा बनाए। अगर सरकार ने जल्द ही इस पर ठोस कदम नहीं उठाया तो मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा और गंभीर स्थिति में उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

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